ओवैसी बोले, ‘मूर्ख न समझे अमित शाह, एनपीआर ही एनआरसी की तरफ पहला कदम’
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान पर आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने एक साक्षात्कार में कहा था कि इससे एनआरसी का कोई लेना देना नहीं है। शाह के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि गृहमंत्री गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, एनपीआर ही एनआरसी के लिए पहला कदम है।
ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि अमित शाह साहब, जब तक सूरज पूरब से उगता रहेगा, हम सच कहते रहेंगे। एनपीआर, एनआरसी की ओर पहला कदम है। जब अप्रैल 2020 में एनपीआर किया जाएगा, तो अधिकारी दस्तावेजों के लिए कहेंगे और अंतिम सूची एनआरसी होगी।
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि स्वयं गृह मंत्रालय ने कहा था कि एनपीआर अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2018-19 में भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरआईसी) के निर्माण की दिशा में पहला कदम है।
उन्होंने कहा कि ‘मैं मानता हूं कि अमित शाह मुझसे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं। उन्हें अपने मंत्रालय की 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट के अध्याय 15 को पढ़ना चाहिए। बिंदु संख्या चार में, वह खुद कह रहे हैं कि एनपीआर, एनआरआईसी के निर्माण की दिशा में पहला कदम है।’
ओवैसी ने कहा कि ‘गृह मंत्रालय की वेबसाइट का हवाला देते हुए कहा कि इस पर भी लिखा गया है कि भारत एनपीआर स्थापित करने की प्रक्रिया में है। यह एनआरसी के निर्माण की दिशा में पहला कदम है।
इतना ही नहीं ओवैसी ने कहा कि 26 नवंबर 2014 को जब किरेन रिजिजू मंत्री थे, तब उन्होंने एनपीआर को एक जवाब में कहा था कि एनपीआर वह सामान्य रजिस्टर है जिसमें सभी सामान्य नागरिक और गैरनागरिका का ब्योरा शामिल होता है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि एनपीआर, एनआरआईसी के निर्माण की दिशा में पहला कदम है।’
उन्होंने कहा कि ‘मैं मानता हूं कि अमित शाह मुझसे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं। उन्हें अपने मंत्रालय की 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट के अध्याय 15 को पढ़ना चाहिए। बिंदु संख्या चार में, वह खुद कह रहे हैं कि एनपीआर, एनआरआईसी के निर्माण की दिशा में पहला कदम है।’
एनपीआर को लेकर क्या कहा था अमित शाह ने:
मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक साक्षात्कार में कहा कि कैबिनेट बैठक में भारत की जनगणना 2021 के लिए 8,754.23 करोड़ रुपये और एनपीआर के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई है।
शाह ने अपने साक्षात्कार में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी का नाम लेकर कहा कि “मैं ओवैसी जी के रुख से हैरान नहीं हूं। अगर हम कहें कि सूर्य पूर्व से उगता है, तो ओवैसी साहब कहते हैं कि यह पश्चिम से उगता है। लेकिन मैं ओवैसी जी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है और यह भी कि ये दोनों एक दूसरे से बहुत अलग हैं।