एनडीए ने वेंकैया नायडू को बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार!

नई दिल्ली। राष्ट्र्पति पद की तरह उपराष्ट्रपति पद के लिए भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति बनने की उम्मीद अब समाप्त हो चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री वैंकया नायडू का नाम तय कर लिया है। उपराष्ट्रपति पद के लिये मतदान 5 अगस्त को होना है।
गौरतलब है कि कांग्रेस की अगुआई में 18 दलों ने महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद एनडीए के दलों से बात करके उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार का नाम तय किया गया है।
एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा का मतलब साफ़ है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए भी सत्ता और विपक्ष के जोर आजमाइश होगी और इस पद के लिए भी आमसहमति बनने की कोई गुंजाइश नहीं रह जाएगी।
उपराष्ट्रपति पद के लिये निर्वाचक कालेज में 790 सदस्य हैं, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन को निर्वाचक कालेज में जबर्दस्त बहुमत हासिल है। भाजपा सूत्रों ने विश्वास व्यक्त किया है कि 790 सदस्यों में से उसके उम्मीदवार को 500 से अधिक वोट मिल सकते हैं।
Venkaiah ji has a lot of experience, all NDA allies have welcomed this decision: BJP President Amit Shah at a press conference in Delhi pic.twitter.com/TM5thMiQmj
— ANI (@ANI) July 17, 2017
वेंकैया नायडू भाजपा के पुराने नेताओं में से एक हैं। वेंकैया 1980 से 1983 के बीच भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। 1980 से 1985 तक वह आंध्र प्रदेश में भाजपा विधायक दल के नेता भी रहे। 1988 से 1993 तक उन्हें आंध्र भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद वह केंद्रीय स्तर पर पार्टी में आए। 1993 से 2000 तक वह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे। जुलाई 2002 में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने। तब उनका कार्यकाल काफी छोटा रहा। दिसंबर 2002 में उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। उन्होंने चुपचाप फैसला माना।
जनवरी 2004 में उन्हें फिर मौका मिला, लेकिन इस बार भी अक्टूबर तक ही उनके पास पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी रही। इस बीच अप्रैल 2005 और जनवरी 2006 में भाजपा के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। 1996 से 2000 के बीच उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता की भी भूमिका निभाई।