जल्द हो जायेंगे एनडीए के कई घटक दलों के बीजेपी से तलाक

नई दिल्ली। कई मुद्दों पर पैदा हुई रार के बाद एनडीए में शामिल कई घटक दलो ने अलग रह तलाशना शुरू कर दिया है। शिवसेना, तेलगुदेशम पार्टी के अलावा अब बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का भी एनडीए से मोहभंग होने की ख़बरें आ रही हैं।
इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में अपना दल और सुहेलदेव समाज पार्टी में भी एनडीए में शामिल होने को लेकर अंदरूनी तौर पर अलग अलग राय बनती दिखाई दे रही हैं।
सूत्रों की माने तो आंध्रप्रदेश के सीएम और तेलगुदेशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने तो तीसरा मोर्चा बनाने के विकल्पों पर मंथन शुरू कर दिया है और वे किसी भी भक्त बीजेपी और एनडीए को तलाक दे सकते हैं।
इससे पहले चंद्रबाबू नायडू जनवरी के दूसरे सप्ताह में पीएम मोदी से मुलाक़ात कर अपनी वेदना बता चुके हैं। उनका कहना है कि राज्य में तेलगु देशम और बीजेपी की सरकार होने के बावजूद बीजेपी नेता सरकार की लगातार आलोचना करते रहे हैं। वहीँ तेलगु देशम की दूसरी परेशानी बीजेपी के हार्डकोर हिंदुत्व को लेकर है।
सूत्रों की माने तो हाल ही में कई मुद्दों पर बीजेपी नेताओं के बयानों से एनडीए के कुछ घटक दलों को धक्का लगा है। उन्हें लगता है कि बीजेपी नेताओं के सांप्रदायिक बयानों का ग्रहण उनके वोटबैंक पर लग सकता है।
सूत्रों के मुताबिक बिहार में किसी मज़बूरीवश नीतीश कुमार ने बीजेपी का हाथ अवश्य थाम लिया है लेकिन वे बीजेपी के घोर सांप्रदायिक एजेंडे से अपना नुकसान होता भी देख रहे हैं। सूत्रों की माने तो जदयू के अंदर भी अब बीजेपी के साथ चलने के खिलाफ आवाज़ें उठने लगी हैं। मुस्लिम बाहुल्य इलाको से चुनकर आये जदयू विधायकों की राय में बीजेपी से गठजोड़ कर सरकार बनाने का फैसला उनके लिए अगले चुनाव में बड़ी मुश्किलें पैदा करेगा।
सूत्रों की माने तो एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की रिपब्लिकन पार्टी भी दलितों पर हमलो के बावजूद भी खुद के सरकार में शामिल होने पर असहज महूसूस कर रही है।
वहीँ दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में सहयोगी सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के पिछड़ा कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। हाल ही में राजभर ने बीजेपी के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि अगर सरकार में अगर उनकी सुनी नहीं जाती तो फिर 2019 के चुनाव में रास्ते अलग हो जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अपना दल के अंदर भी एनडीए का साथ छोड़ने का दबाव बन रहा है। सूत्रों की माने तो अपना दल भी इस बाबत कभी की बड़ा बयान दे सकता है। सूत्रों ने कहा कि अपना दल के कई नेताओं ने पार्टी की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को लेकर अप्रसन्नता ज़ाहिर की है।
एनडीए में मची भगदड़ की बात यहीं खत्म नहीं होती। एनडीए की सहयोगी केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी की राष्ट्रीय जनता दल से बढ़ती नजदीकियां भी बीजेपी और एनडीए के लिए शुभ सन्देश नहीं हैं। फ़िलहाल इतना तय माना जा रहा है कि एनडीए में शामिल कई राजनैतिक दलों में बेचैनी का माहौल है और ये दल कभी भी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।