एक ख्वाब ने बदल दी पीटर की ज़िंदगी, बन गए मुसलमान
ब्यूरो (यास्मीन सैयद ) । उसने सोचा भी न था कि आखिर धीमे धीमे उसे इस्लाम की तरफ जो खिंचाव हो रहा है वह उसे एक दिन ईमानवाला बना देगा । शुरुआत में सब सामान्य सा लगता था लेकिन धीमे धीमे सब कुछ बदल गया । उसे संगीत से नफरत सी हो गई । दिल एक ऐसे सुकून की तलाश करने लगा जो उसे अपनी ज़िंदगी में कभी नहीं मिला ।
ये बात है उस पीटर की जो इंग्लैण्ड के सबसे बड़े शहर लंदन में रहता है । जिसका कभी ज़्यादातर समय शराबखानों और क्लबों में गुजरता था लेकिन अचानक उसकी ज़िंदगी में सब कुछ बदल गया क्यों कि उसने ईसाई धर्म को त्यागकर इस्लाम कुबूल कर लिया ।
पीटर बताते हैं कि 27 वर्ष के थे तब उन्होंने खुद का कारोबार शुरू किया था । वे एक क्लब चलाते थे जिसमे लोगों को सदस्य बनाकर हर सप्ताह एक जगह पर आना होता था और पूरी रात पार्टी चला करती थी । इस पार्टी में नाच गाना, शराब और जुआ यहाँ तक कि अन्य कई तरह का नशा करने का भी इंतजाम किया जाता था ।
अचानक ही उन्हें एक रात सपना दिखाई दिया । इस सपने ने उन्हें झकझोर कर रख दिया । सपने में कोई बुज़ुर्ग व्यक्ति उनसे पूछता है कि वे ये सब हराम काम क्यों करते हैं ? ऐसा कोई काम क्यों नहीं शुरू करते जिसका फायदा उन्हें उनकी मौत के बाद भी मिलता रहे । पीटर बताते हैं कि ख्वाब देखने के बाद उन्हें कुछ समझ नहीं आया लेकिन वे परेशान जरुर हो गए । वे सोचने लगे कि उन्हें दिखाई दिए इस सपने के क्या मायने हैं और उन्हें इसके ज़रिये कोई क्या सन्देश देना चाह रहा है ।
पीटर उस दिन से बेचैन रहने लगे । एक दिन फिर ऐसा ही हुआ पीटर गहरी नींद में सोये थे । पार्टी से आये थे इसलिए नशा भी किया हुआ था । एन सुबह के समय वही बुज़ुर्ग उन्हें ख्वाब में फिर से नज़र आता है । इस बार वही बुज़ुर्ग व्यक्ति पीटर को कहीं चलने को कह रहा है । वह पीटर से कहता है कि अगर उसे अपनी ज़िंदगी और आखिरत दौनो संभालनी है तो उसके साथ चले । पीटर ख्वाब में उस व्यक्ति के साथ चल देता है ।
ख्वाब में चलते चलते वह बुज़ुर्ग पीटर को मक्का ले जाता है । पीटर लिखते हैं कि पहले उन्हें मालूम नहीं चल रहा था कि वे उस बुज़ुर्ग के साथ कहाँ जा रहे हैं लेकिन तभी ख्वाब में पीटर को काबा शरीफ दिखाई दिया तो पीटर ने बुज़ुर्ग से कहा में ईसाई हूँ ये मुझे कहाँ ले जा रहे हो । बुज़ुर्ग ने मुस्कुराते हुए पीटर से कहा कि तुम्हारे किये यही सबसे बेहतरीन जगह हैं जहाँ तुम्हारी ज़िंदगी और आखिरत दौनो रोशन हो जाएंगी ।
पीटर कहे हैं कि बुज़ुर्ग का इतना कहना ही था कि उनकी आँख खुल गई । सुबह के 5 बज रहे थे । पीटर को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उस ख्वाब का क्या मतलब है और अब उनका अगला कदम क्या होना चाहिए । इसलिए पीटर ने सोचा कि ख्वाब का सम्बन्ध इस्लाम से है यह बात इसलिए साफ़ है क्यों कि ख्वाब में बुज़ुर्ग व्यक्ति उसे अरब लेकर गया था और उसे काबा शरीफ के दीदार हुए थे ।
पीटर ने फैसला किया कि वह इस्लाम का अध्यन करेंगे और ढूंढने की कोशिश करेंगे कि बुज़ुर्ग ने जो ज़िंदगी और आखिरत को रोशन करने की बात कही थी वह इस्लाम की किसी किताब में लिखी है अथवा नहीं । पीटर ने कई इस्लामिक किताबें खरीदीं और उन्हें पढ़ना शुरू कर दिया । शुरू में अजीब सा लगा लेकिन जैसे जैसे किताबो के पन्ने पढ़ते गए वैसे वैसे उनके दिल में इस्लाम जगह बनाता चला गया ।
किताबो से पीटर को यह समझते देर न लगी कि वह जो व्यवसाय कर रहे हैं वह पूर्णतः हराम है , इसलिए उन्होंने तुरंत अपना काम एक दूसरे व्यक्ति को बेच दिया और खुद ने एक रेडीमेड कपडे बेचने का काम शुरू कर दिया । यह वह समय था जब पीटर का दिल इस्लाम की हर बात को करीब से समझना चाहता था ।
पीटर ने इस्लाम के अध्यन के लिए कई देशो की यात्रायें की और सन 2015 के अंत में उन्होंने इस्लाम कुबूल कर लिया । आज वे एक आम मुसलमान से ज़्यादा पाबंद हैं । उन्होंने अपना विवाह भी सीरिया की एक मुस्लिम विधवा महिला से किया है जिसके 3 बच्चे हैं ।
पीटर इस्लाम ग्रहण करने के बाद अपनी जिंदगी में बड़ा सुकून महसूस कर रहे हैं । पीटर कहते हैं कि अब भी यदि कहीं उन्हें कुछ समझ नहीं आता तो वे अपनी पत्नी की मदद लेते हैं । उनकी पत्नी मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती है और वह पीटर को कुरान पढ़ना सिखा रही है ।