उत्तराखंड : बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला सोमवार को
नैनीताल । र्खास्त विधायकों के मामले में हाईकोर्ट शनिवार को सुनवाई हुई। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से वकील वरिष्ठ आधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील पेश की। इसके बाद कोर्ट ने सोमवार के लिए सुनवाई टाल दी। अब मामले की सुनवाई सोमवार को होगी।
सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि याचिगणों की ओर से सुनवाई को लेकर कोर्ट की उपेक्षा की जा रही है। त्वरित न्याय के लिए कोर्ट आने की बात करने वाले अब पैरवी को नहीं आ रहे हैं। सिब्बल ने यह बात याचिगणों के अधिवक्ता विकास बहुगुणा के आज मामले को सोमवार तक आगे बढ़ाने की मांग पर कड़ी आपत्ति जताते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि यह कोर्ट का अपमान है। उन्होंने कहा कि कोर्ट को ऐसे में पिटीशन को खारिज कर देना चाहिए। इस के बाद लगभग 2:15 बजे से उन्होंने 9 बर्खास्त विधायकों के खिलाफ स्पीकर की कारवाई के पक्ष में तर्क दिए। इस में गवर्नर को 18 मार्च को दिए नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट के लेटर पेड़ में राज्यपाल को दिए संयुक्त पत्र का हवाला दिया।
सिब्बल ने आरोप लगाया कि 9 विधायक 18 को सुबह से ही भाजपा के सरकार गिराने के षड्यंत्र में शामिल थे। उन्होंने सुप्रीमकोर्ट के फैसलों को आधार बनाते हुए स्पीकर की कार्रवाई को जायज ठहराया। सिब्बल ने राष्ट्रपति शासन को लेकर हाई कोर्ट के टिप्पणी, जिसमें पीठ ने इस कृत्य को राजनैतिक पाप कहा था की जानकारी दी। एकलपीठ ने सिब्बल की दलील के बाद सुनवाई के लिए सोमवार की तिथि तय कर दी।
याचिगणों के अधिवक्ता को सुबह 11:15 बजे से सुरू होने वाली सुनवाई में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। एकलपीठ 27 अप्रैल से पहले फैसला दे सकती है।