इन चमत्कारों के पीछे क्या है रहस्य !

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नई दिल्ली । हमारे देश में कुछ ऐसे धर्मिक स्थल हैं जहाँ किसी न किसी तरह का करिश्मा अवश्य देखने को मिलता है । कुछ लोग इसे ईश्वर, अल्लाह या भगवान् का चमत्कार मानते हैं जब कि कुछ लोगों का तर्क है कि इन सब चमत्कारों के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक या सामाजिक कारण हैं ।

1. उड़ता पत्थर (हजरत कमर अली की दरगाह)
पुणे से कुछ ही दूर शिवपुर नामक कस्बा है जिसमें बाबा हजरत कमर अली की दरगाह है। 800 साल पहले इस दरगाह में अखाड़ा हुआ करता था, जहां पर सूफी संत कमर अली का कुछ पहलवान मिल कर मजाक उड़ाया करते थे। तभी संत ने खफा हो कर पहलवानों दृारा उठाए जाने वाले इस 70 किलो के पत्थर पर अपना मंत्र फूंक दिया। तब से इस भारी भरकम पत्थर को संत कमर अली का नाम पुकारने पर ही उठाना संभव है।

2. काले जादू की भूमि (मयोंग, असम)
गुवाहाटी से 40 कि.मी. की दूरी पर बसा मयोंग गांव का नाम संस्कृत के शब्द माया से पड़ा है। यहां पर जादू-टोना पारंपरिक रूप से किया जाता है और पीढियों दर पीढियों चलाया जाता है। इस गांव के बारे में कुछ भयानक कहानियां प्रचलित हैं जैसे, लोग हवा में गायब हो जाते हैं या फिर वे जानवरों में बदल जाते हैं।

3. कंकालों की झील (उत्तराखंड)
इस झील का सबसे बड़ा आकर्षण 600 से ज्यादा कंकाल हैं जो कि इस झील से पाए गए थे। इस रहस्यमय झील को कंकाल झील के नाम से जाना जाता है। यह नौवीं सदी से है।

4. जुड़वा बच्चों का शहर (केरल)
इस कस्बे को ट्विन टाउन भी कहते हैं। केरल में छोटा सा कस्बा कोदिन्ही और इलाहाबाद के पास उमरी में सबसे ज्‍यादा जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं। कोदिन्ही की 2000 की आबादी में से एक जैसे जुड़वां बच्चों की 350 जोड़ियां हैं। वहीं उमरी की भी यही कहानी है। गांव की कुल 900 लोगों की जनसंख्या में 60 से ज्यादा जुड़वां बच्चों की जोड़ियां हैं।

5. मैगनेटिक हिल (लद्दाख )
लद्दाख में बसी यह पहाड़ी चुबकीय शक्ति से भरी हुई है जो कि गाडियों को करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपनी ओर बिना इंजन चलाए खींच लेती है। वास्तविकता में, यह ऑप्टिकल इल्युजन है जो कि गुरुत्वाकर्षण पहाड़ी की वजह से है।

6. 20,000 चूहों का मंदिर (राजस्थान)
यह मंदिर बीमानेर से 30 कि.मी.की दूरी पर है, जिसके अंदर 20,000 चूहे रहते हैं। यहां पर आने वाले भक्तों को इन्हीं चूहों का जूठा प्रशाद खाने को दिया जाता है। माना जाता है कि ये चूहे करणी माता के परिवार के सदस्य हैं। इन चूहों में 7 सफेद चूहे भी हैं जिन्हें “काबा” के नाम से जाना जाता है, ये चूहे माता जी के पुत्र माने जाते हैं।

7. सांपों की धरती (महाराष्ट्र )
महाराष्ट्र के शोलापुर जिले में शतपाल नामक गांव है जहां, सांपो की पूजा होती है। यहां के हर घर में कोबरा के आराम करने के लिये छत पर घर भी बनाया है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन सांपों ने अभी तक किसी को नहीं डसा।

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