‘आतंकियों ने मेरे भाई को छोड़ दिया था, लेकिन वह दोस्तों के लिए कुर्बान हो गया’
ढाका । ढाका हमले में तारिषी के दोस्त फराज ने इसलिए जान दे दी क्योंकि वह अपने दोस्तों को मरता नहीं देख सकता था। ढाका में रहने वाले फराज के भाई जरैफ हुसैन ने बताया कि आतंकियों ने रेस्टोरेंट में मौजूद लोगों से मुस्लिम प्रार्थना बोलने को कहा था, फराज को प्रार्थना आती थी तो उसने सुना दी, इस पर आतंकियों ने उसे जाने के लिए कहा, लेकिन वह गया नहीं, वह अपने दोस्तों के लिए वहीं कुर्बान हो गया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक 20 वर्षीय फराज ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का ग्रेजुएट था। ढाका हमले से कुछ समय पहले ही वह कोलकाता में पेप्सिको कंपनी में इंटर्नशिप के लिए आया था।
इससे पहल वह गुड़गांव होकर भी गया था। शुक्रवार को फराज, तारिषी जैन और अबिंता कबीर ने ढाका के आर्टिसन रेस्टोरेंट में मिलना तय किया। उनका चौथा दोस्त मिराज अल हक देर से आया, तब तक आतंकी रेस्टोरेंट पर हमला कर चुके थे, इसलिए वह अंदर नहीं गया और बच गया।
फराज के भाई के मुताबिक फराज नेकदिल और लोगों की मदद करने वाला लड़का था। उससे किसी का दुख नहीं देखा जाता था। जरैफ के मुताबिक फराज की दोस्त अबिंता कबीर को आतंकियों ने संभवतः इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उसने खुद को अमेरिकी नागरिक बताया। वह आतंकियों के कहने पर मुस्लिम प्रार्थना नहीं सुना सकी।