नौकरी से निकालने पर जिलाधिकारी ने खाया दलित महिला के हाथों का बना मिड डे मील

औरंगाबाद । बिहार के औरंगाबाद जिलाधिकारी ने एक मिसाल पेश करते हुए दलित विधवा को फिर से मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) के रसोईया के तौर पर बहाल कर दिया और उसके द्वारा बनाए गए भोजन को बच्चों के साथ खाया।

औरंगाबाद के जिलाधिकारी कंवल तनुज ने उक्त स्कूल के प्रधानाध्यापक को निलंबित करने का भी आदेश दिया है, जिसने उक्त दलित विधवा को उनके पति की मौत के बाद रसोईये के पद से हटाया था।

पीडित विधवा उर्मिला कुंवर की शिकायत पर तनुज ने औरंगाबाद जिला के रफीगंज प्रखंड के बतुरा मध्य विद्यालय का मंगलवार को दौरा किया था और विधवा द्वारा तैयार एमडीएम का जमीन पर बच्चों के साथ बैठकर भोजन किया था।

जिलाधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मानवता के बोध ने उन्हें उक्त महिला के साथ न्याय के लिए विवश किया। बतुरा मध्य विद्यालय के निलंबित प्रधानाध्यापक के खिलाफ विभागीय जांच जिला शिक्षा पदाधिकारी यदुवंश राम ने शुरू कर दी है और उनके स्थान पर आज नए प्रधानाध्यापक ने उक्त स्कूल में पदभार ग्रहण कर लिया है।

महिला के पति का हाल में देहांत हो गया था, जिसके लिए आजीविका का साधन एमडीएम के रसोईये का काम करने से मिलने वाला एक हजार रुपये था और उसके जरिए वह अपने अलावा अपने चार बच्चों का पोषण करती थी। तनुज ने बताया कि उक्त महिला के स्कूल में रसोईये के तौर पर लौट आने से वह खुश हैं।

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TeamDigital