बसपा के दो और विधायक हुए बागी, पार्टी ने किया बाहर

लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी के दो और विधायक बुधवार को बागी हो गए। उन्होंने टिकट देने के लिए मायावती पर करोड़ों रुपये की वसूली करने के आरोप लगाए और कहा कि बसपा प्रमुख का दयाशंकर सिंह की पत्नी व बेटी के संबंध में दिया गया बयान ठीक नहीं था। उधर, बसपा ने दोनों विधायकों को कुछ ही देर बाद निलंबित कर दिया।

लखीमपुर खीरी में पलिया सीट से विधायक हरविन्दर साहनी उर्फ रोमी साहनी और हरदोई में बिलग्राम-मल्लावां के विधायक बृजेश वर्मा ने बागी तेवर दिखाते हुए लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर बगावत का बिगुल फूंका। उन्होंने मायावती पर पैसा लेकर टिकट देने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि बसपा के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और काडर के पुराने साथी पूर्व मंत्री आरके चौधरी भी बगावत कर बसपा का साथ छोड़ चुके हैं।

विधायक रोमी साहनी ने कहा है कि बसपा सुप्रीमो ने उनसे विधानसभा का टिकट देने के लिए 5 करोड़ रुपये की मांग की थी। बाद में यह टिकट एक होटल व्यापारी को दे दिया गया। वहीं विधायक बृजेश वर्मा ने कहा कि मुझसे पार्टी फण्ड में 4 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा गया था। इन्होंने कहा कि पैसे लेकर टिकट देने की शुरू की गयी परम्परा से बसपा का नुकसान तय है। दयाशंकर कांड को लेकर बसपा में कलह बढ़ गई है।

दोनों विधायकों ने पार्टी के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी की भी आलोचना की। वहीं उन्होंने पार्टी छोड़ कर गए स्वामी प्रसाद मौर्य की तारीफ की। यह पूछे जाने पर कि क्या वह मौर्य के साथ जाएंगे तो उन्होंने कहा कि वे पार्टी में ही रहेंगे। दोनों विधायकों ने दयाशंकर सिंह के परिजनों के सम्बन्ध में की गयी बसपा नेताओं की टिप्पणी को भी गलत बताया।

पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता :
बसपा ने इन दोनों विधायकों को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निलम्बित कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर ने एक बयान जारी कर कहा कि ये दोनों ही विधायक स्थानीय निकायों के चुनाव में पार्टी की बजाय परिवार को बढ़ावा देते रहे, इस कारण इनका टिकट काट दिया गया। वहीं ये विधायक दूसरी पार्टी से टिकट लेने के स्वार्थ के कारण बसपा पर झूठे व तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं। बीती 20 जून को पार्टी ने रोमी साहनी सहित दो विधायकों, एक पूर्व एमएलसी और एक पूर्व कोऑर्डिनेटर को बसपा से निष्कासित कर दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी छोड़ने के बाद दोनों ने बसपा प्रमुख से लिखित माफी मांगी थी। इस पर सुश्री मायावती ने उन्हें माफ करते हुए पार्टी से उनका निष्कासन रद्द कर दिया था।

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