शरद यादव का सवाल: संकट काल में क्यों विफल रहती है मोदी सरकार
पटना ब्यूरो(टीम रंजन)। पूर्व सासंद और पूर्व केंद्रीय मंत्री नेता शरद यादव ने गलवान घाटी चीन और भारत के बीच हिंसक को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए देश के शहीद सैनिकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
अपने एक बयान में शरद यादव ने कहा कि कल देर रात आई खबर के अनुसार चीन और भारत के बीच हिंसक झड़प में भारत के कमांडिंग ऑफिसर और जे सी ओ समेत 20 सैनिक शहीद हो गए हैं। बहुत ही अफसोसजनक और दुखद खबर है। चीन के लगभग 43 सैनिक हताहत होने का अनुमान है। इसमें कुछ मारे गए हैं, जबकि कई गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। अभी इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। भारत चीन सीमा पर ऐसा 45 वर्ष के बाद हुआ इसके कारण जानने की आवश्यकता है।
शरद यादव ने कहा कि भारत और चीन के बीच पिछले महीने की शुरुआत से ही लद्दाख बॉर्डर के पास माहौल काफी तनावपूर्ण बना हुआ था। भारत के प्रधानमंत्री स्तर पर ही चीन के प्रेसिडेंट से बातचीत करके इसको सुलझा लेना चाहिए था। आज ऐसा मौका नहीं है कि सरकार की खामियां बताई जाए, मगर समझ में नहीं आ रहा है कि यह सरकार हर मोर्चे पर चाहे वह कोरोना संकट हो या इनका कोई और निर्णय हो विफल क्यों हो रही है।
हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि आज देश में सभी दलों को इकठ्ठा होकर समस्याओं सुलझाने का काम करना चाहिए, क्योंकि समस्याएं बढ़ती चली जा रही है। प्रधानमंत्री जी को देश को संबोधित करना चाहिए और ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई देश के सामने सच्चाई रखनी चाहिए।
शरद यादव के के अनुसार, चीन भारत के साथ इतना व्यापार करता है उसको ऐसी स्थिति पैदा करने से बचना चाहिए था। कोई भी मामला बातचीत से हल कर लेना चाहिए था। भारत और चीनी सैनिकों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हिंसक झड़प को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि 15 जून को चीन की ओर से स्थिति बदलने के प्रयास के परिणामस्वरूप ऐसा हुआ। इसमें दोनों पक्षों को नुकसान हुआ है। दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प गलवान घाटी में पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान हुई है।
शरद यादव ने कहा कि मैं बहुत दुखी हूं कि 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू व जे सीओ कुंदन कुमार समेत 20 सैनिक गलवान घाटी इलाके में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए जैसा कि भारतीय सेना के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। बिहार बटालियन का हमेशा से प्रेरणादायक इतिहास रहा है, जिसने कई विपरीत परिस्थतियों में भी अपने करतब दिखाए हैं।
उन्होंने कहा कि मैं संतोष बाबू जोकि तेलंगाना के मूल निवासी है और कुंदन कुमार जो झारखण्ड के मूल निवासी सहित सभी शहीद सैनिकों के परिजनों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। संतोष बाबू और इनके सैनिकों की शहादत हुई है उनके उत्साह और देश की सेवा में अपनी जान निछावर करना कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।