येदुरप्पा ने खींचा हाथ तो ममता आयीं साथ, हिंसा में मारे गए युवको के परिजन को देंगी 5 लाख
कोलकाता। नागरिकता कानून के विरोध में कर्नाटक के मैंगलोर में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में मारे गए दो युवको के परिजनों को पश्चिम बंगाल सरकार पांच पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी।
इससे पहले कर्नाटक सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का एलान किया था लेकिन बाद में कर्नाटक सरकार ने मुआवजा देने से यूटर्न लेते हुए जांच पूरी होने के बाद इस पर फैसला लेने का एलान किया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कर्नाटक सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने से इंकार किये जाने पर बड़ा एलान करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार मृतक युवको के परिजनों को पांच पांच लाख रूपये देगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि आजादी के संघर्ष के बाद से अभी तक ऐसा नहीं हुआ, सिर्फ बीजेपी के राज में पुलिस फायरिंग में लोग मारे जा रहे हैं। अगर आप किसी को कुछ देना चाहते हैं, तो रोटी-कपड़ा-मकान दीजिए।
गुरुवार को ममता बनर्जी ने राजबाजार में कहा कि जब महात्मा गांधी ब्रिटिशों के खिलाफ लड़े तो शांतिपूर्ण तरीके से लड़े थे, आज बीजेपी सभी प्रदर्शनकारियों की आवाज़ को दबाना चाहती है। कल बीजेपी ने कहा कि हिंसा में शामिल किसी भी प्रदर्शनकारी की मदद नहीं की जाएगी। ये सिर्फ प्रदर्शन है, अगर हमारे अधिकार छीने जाएंगे तो हम लड़ेंगे।
ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं, जबतक नागरिकता संशोधन एक्ट वापस नहीं होगा वो अपना प्रदर्शन वापस नहीं लेंगी। अगर युवाओं को वोट डालने का अधिकार है, तो फिर उन्हें प्रदर्शन करने का अधिकार क्यों नहीं है।
बंगाल की सीएम ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों की भावनाओं को समझती हैं, उन्होंने ने भी जीवनभर प्रदर्शन किए हैं। जब असम से 19 लाख लोगों को निकाला गया तो सबसे पहले हमारी टीम ही वहां गई थी। लखनऊ में भी टीएमसी के लोग गए थे, लेकिन उन्हें नहीं घुसने नहीं दिया।
ममता ने इस दौरान कहा कि मुझे अपनी माता की जन्मतिथि नहीं पता, वो कहां से थीं ये भी नहीं पता। जब मुझे नहीं पता तो आप कैसे लिखेंगे? पहले आधार कार्ड बनवाया, फिर कहा वो काम नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि हम हर स्टूडेंट की लड़ाई को लड़ेंगे।