आखिरकार ममता ने राज्यपाल से पढ़वा ही लिया राज्य सरकार का लिखा अभिभाषण

आखिरकार ममता ने राज्यपाल से पढ़वा ही लिया राज्य सरकार का लिखा अभिभाषण

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनकड़ के बीच चल रही तानतानी के बीच राज्यपाल जगदीप धनकड़ को राज्य सरकार की तरफ से दिया गया अभिभाषण बिना किसी बदलाव के पढ़ना पड़ा।

गौरतलब है कि अभिभाषण पढ़ने से 24 घंटे पहले उन्होंने बजट भाषण में लिखी बातों पर आपत्ति जताते हुए इसमें बदलाव का आग्रह किया था। राज्यपाल को अभिभाषण में लिखे कुछ अंशो पर आपत्ति थी।

राज्यपाल चाहते थे कि अभिभाषण में लिखा “असहिष्णुता, कट्टरता और घृणा देश में नए मानक बन गए हैं और असंतोष के सभी तरीकों को अस्वीकार करना देशभक्ति के नाम पर एक नया फैशन बन गया है” वाली लाइन हटाई जाए।

अंततः राज्यपाल ने सदन को संबोधित करते हुए असहिष्णुता, कट्टरता और घृणा देश में नए मानक बन गए हैं और असंतोष के सभी तरीकों को अस्वीकार करना देशभक्ति के नाम पर एक नया फैशन बन गया है” वाली लाइन को भी पढ़ा।

यहाँ तक कि राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि एनआरसी के खौफ के चलते देश में गई निर्दोष लोगों की जान को लेकर शोक जताया। उन्होंने कहा, किसी भी तरह का त्रासदीपूर्ण मानक अपनाने से पहले सभी वर्गों के लोगों को विश्वास में लिया जाना आवश्यक था। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार एनपीआर, एनआरसी और सीएए आदि सरीखे कदमों के नाम पर लोगों को बांटने का सख्ती से विरोध करती है।

इससे पहले गुरूवार को राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने दावा किया था कि वह अपने संबोधन के साथ एक नया इतिहास रचेंगे। उनके इस बयान से अंदाजा लगाया जा रहा था कि वह अपने अभिभाषण में टीएमसी सरकार के खिलाफ बोलेंगे।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं भी नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में निकाले गए कई प्रदर्शनों में शामिल हुई हैं। कई मौको पर राज्य के राज्यपाल जगदीप धनकड़ और ममता सरकार के बीच तनातनी साफ़ दिखाई दी है।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital