गुलामनबी आज़ाद बोले ‘हमारा इरादा कांग्रेस को मजबूत और सक्रीय बनाने का’
नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य सभा सांसद गुलाम नबी आज़ाद ने 23 कांग्रेस नेताओं के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी को लेकर स्पष्ट किया है कि उस चिट्ठी में सिर्फ सुझाव दिए गए थे और पार्टी के लिए पूर्ण कालिक अध्यक्ष की आवश्यकता को बताया गया था।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में गुलाम नबी आज़ाद ने पार्टी के प्रति अपनी सच्ची निष्ठां और सेवाओं के उदाहरण सामने रखते हुए कहा कि उनके सोनिया गांधी या राहुल गांधी से किसी तरह के कोई मतभेद नहीं हैं।
चिट्ठी लीक होने के मुद्दे पर हुए आरोप प्रत्यारोप पर आज़ाद ने कहा कि हम पर वो लोग आरोप लगा रहे हैं, जिनका कोई जनाधार नहीं है। हमारा इरादा कांग्रेस को सक्रिय और मजबूत बनाने का है लेकिन जिन लोगों को केवल ‘अपॉइंटमेंट कार्ड’ मिले, वे हमारे प्रस्ताव का विरोध करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए और चुनाव कराने के लिए कहना, यह कोई राज्य का गोपनीय मसला नहीं था। इंदिरा गांधी जी के कार्यकाल में तो कैबिनेट की कार्यवाही तक लीक हो जाती थी।
आज़ाद ने कहा कि जो लोग कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान रनिंग कमेंट्री कर रहे थे, क्या उन्होंने अनुशासनहीनता नहीं की थी। जो लोग हमें चिट्ठी लिखने के लिए गाली दे रहे हैं क्या वह अनुशासनहीन नहीं हैं। क्या उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. हमने किसी को भी गाली नहीं दी।
गुलाम नबी आज़ाद ने केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और पुडुचेरी जैसे कई राज्यों के चुनाव के उदाहरण सामने रखते हुए कहा कि मेरे पार्टी महासचिव रहते हुए, पार्टी ने जहां मुझे भेजा, मैं वहां गया और बेहतर काम किया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी को मेरे और अन्य पार्टी नेताओं द्वारा लिखी गई चिट्ठी से दिक्कत थी। बाद में, सोनिया जी और राहुल जी ने कहा कि चुनाव एक महीने के भीतर होने चाहिए लेकिन कोविड के चलते यह संभव नहीं था, इसलिए हमने अनुरोध किया कि सोनिया गांधी और छह महीने के लिए अध्यक्ष बनी रहें।