जल संसाधन विभाग का कारनामा: बगैर अवार्ड पारित कराये किसानों के खेत खोद कर शुरू कर दिया निर्माण
पांढुर्ना(गुड़डू कावले)। ग्राम कुकड़ीखापा के किसान अपने खेत की जमीन का मुआवजा पाने के लिये विगत डेढ़ साल से भटक रहे है। हालही में किसाानों ने शहर के जलसंसाधन विभाग के कार्यालय पहुचकर धरना दिया था तथा एसडीओ श्री धुर्वे को ज्ञापन सौपा था।
इतना ही नहीं किसानो ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी दर्ज कराई और मप्र शासन के जलसंसाधन मंत्री श्री कावरे से किसानों ने मुलाकात कर अपनी शिकायत से अवगत भी कराया। तमाम कोशिशो के बावजूद भी सुनवाई नही होने से किसान परेशान है।
किसानों की मिल रही शिकायतों के निराकरण के लिए शुक्रवार की सुबह एसडीएम सुश्री मेघा शर्मा ग्राम कुकड़ीखापा जलाशय निर्माण मौका स्थल का निरीक्षण करने पहुंची, जहां वस्तुस्थिति का पता चला कि ठेकेदार ने 12 किसानों की खेती की जमीन की खुदाई कर दी है। इस कारण किसान अपनी जमीन पर बुवाई भी नहीं पाए हैं और किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिली है।
खास बात तो यह है कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों शासन के नियमों खुलेआम धज्जियां उड़ाई और ठेकेदार महाकाल कंट्रक्शन के प्रोप्राइटर सतीश सोनी बैतूल ने बगैर वर्क आर्डर के जलाशय का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया। जबकि इस पूरे मामले में 47 किसानों की जमीन बांध निर्माण कार्य के अलावा नाहर और डूब क्षेत्र का एस्टीमेट पारित नहीं होने के कारण किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिली है।
ठेकेदार इंजीनियर की मिलीभगत जलाशय कल निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें लगभग 75 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण होना बताया जा रहा है। ठेकेदार को लगभग एक करोड़ की राशि का जल संसाधन विभाग द्वारा भुगतान किया गया है। परंतु किसानों को आज दिनांक तक फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं हुई है। ठेकेदार के साथ एग्रीमेंट के मुताबिक 30 जून 2020 को समयावधि समाप्त हो गई है।
इस बीच जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को ऐसी क्या गड़बड़ थी जो ठेकेदार से नियमों के विरुद्ध जलाशय का निर्माण कार्य चल रहा है। जलाशय कुल 2 करोड़ 44 लाख की लागत की राशि से निर्मित हो रहा है।
इनका कहना है:
बार-बार शिकायत के उपरांत मौका स्थल निरीक्षण किया गया जिसमें 12 किसानों के खेत की जमीन खुदी पाई गई। वस्तुस्थिति जांच प्रतिवेदन बनाकर जिला कलेक्टर को प्रेषित करेंगे।
–सुश्री मेघा शर्मा एसडीएम पांढुर्ना