फेसबुक-बीजेपी कनेक्शन पर अमेरिकी अख़बार का एक और बड़ा खुलासा

फेसबुक-बीजेपी कनेक्शन पर अमेरिकी अख़बार का एक और बड़ा खुलासा

नई दिल्ली। फेसबुक के भारतीय जनता पार्टी के साथ कथित रिश्तो से अब परतें उतरने लगी हैं। अमेरिकी अखबार वॉलस्ट्रीट जनरल ने फेसबुक- बीजेपी के रिश्तो को लेकर एक और बड़ा खुलासा किया है। ताज़ा खुलासे में वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी फेसबुक इंडिया की पॉलिसी हैड अंखी दास की भूमिका को लेकर भी लिखा है।

अख़बार ने खुलासा किया है कि अंखी दास ने 2011 में फेसबुक ज्वाइन किया। राजनीति में फेसबुक की बढ़ती लोकप्रियता के बीच 2012 में गुजरात में बीजेपी के लिए भी फेसबुक के जरिए जनता के बीच पहुंचने का काम किया गया। गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत के बाद अंखी दास ने लिखा था, ”हमारे गुजरात कैंपेन की सफलता।”

फेसबुक इंडिया की पॉलिसी हैड अंखी दास ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर लिखा था, ”आखिरकार, तीस साल के जमीनी काम से भारत को स्टेट सोशलिज्म से मुक्ति मिल गई।” इस पोस्ट में जीत के लिए नरेंद्र मोदी को स्ट्रॉन्गमैन भी बताया गया।

इतना ही नहीं अख़बार ने कई पोस्टो का ज़िक्र भी किया है, जिनमे फेसबुक इंडिया की पॉलिसी हैड अंखी दास अपनी वॉल पर फेसबुक के समर्थन की बात कह रही हैं।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा है कि अंखी दास ने अपने इरादे पहले ही स्पष्ट कर दिए थे। जब एक फेसबुक सहयोगी ने इस बात को लेकर सवाल उठाए कि फेसबुक पर मोदी के पेज से ज्यादा कांग्रेस की फॉलोइंग है तो अंखी दास ने कहा, ”कांग्रेस से तुलना करके उन्हें अपमानित मत करो. खैर, मेरे पूर्वाग्रह को न दिखाने दें।”

इतना ही नहीं, अंखी दास फेसबुक के टॉप मैनेजमेंट को ये भी समझाती रही थीं कि बीजेपी के साथ काम करने से फेसबुक इंडिया को फायदा पहुंच रहा है। अंखी दास ने ये भी लिखा था कि हम अपनी प्राथमिकताओं में उन्हें शामिल करने के लिए महीनों से लॉबीइंग कर रहे हैं। अब वो चुनाव जीतना चाहते हैं। 2014 चुनाव के फेसबुक कैंपेन खत्म होते वक्त यानी रिजल्ट आने से पहले अंखी दास ने अपने एक सहयोगी से बीजेपी की जीत की बात भी कही थी।

वहीँ अख़बार ने 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर खुलासा किया है कि फेसबुक ने बीजेपी के प्रचार लिए अपनी पॉलसी गाइडलाइन को किनारे रखते हुए बिना वेरिफाई किये नए नवेले संगठनों के नाम से विज्ञापन स्वीकार किये। इतना ही नहीं फेसबुक ने फ़र्ज़ी नामो से बनाये गए पेजो पर कोई एक्शन नहीं लिया और नियमों के हिसाब, विज्ञापन देने वालों की पहचान वेरिफाई नहीं की।

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TeamDigital