अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद एक दर्जन शहरो में हिंसा, ट्रंप के खिलाफ नारेबाजी
नई दिल्ली। अमेरिका में पुलिस की मारपीट से एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ सड़क पर उतरे लोगों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
शुक्रवार को अमेरिका के दर्जनों शहरों में हिंसा भड़कने के बाद अमेरिकी सुरक्षा विभाग पेंटागन ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सेना को तैयार रहने का आदेश दिया है।
इस घटना के बाद अमेरिका में कई जगहों पर पुलिस थानों को आग लगा दी गई है। यह वारदात मिनेपोलिस में हुई थी, इसलिए वहां हिंसा ज्यादा है।मिनेपोलिस शहर में अफ़रा तफ़री मची हुई है।
हिंसा और आगजनी की घटनाओं को देखते हुए पेंटागन ने नॉर्थ कैरोलिना और न्यूयॉर्क के सैनिक अड्डों पर तैनात सैनिकों से तैयार रहने को कहा है ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें 4 घंटे के भीतर तैनात किया जा सके। इसी तरह कोलोराडो और कंसास के अड्डों पर तैनात सैनिकों को जरूरत पड़ने पर 24 घंटे के भीतर तैनाती के हिसाब से तैयारी करने का आदेश दिया गया है।
मृतक फ्लॉयड को एक फर्जी बिल के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अमेरिकी श्वेत पुलिस अधिकारी चॉविन उसकी गर्दन पर 8 मिनट 46 सेकंड तक बैठा रहा। शिकायत के मुताबिक जब फ्लॉयड ने हिलना डुलना बंद कर दिया उसके बाद भी वह 3 मिनट तक उसकी गर्दन पर बैठा रहा।
इस घटना का खुलासा उस समय हुआ जब अमेरिकी पुलिस एक अश्वेत व्यक्ति के साथ अमानवीय तरीके से पेश आयी और पास से गुज़र रहे एक व्यक्ति ने इस घटना को अपने कैमरे से रिकॉर्ड कर लिया।
पुलिस द्वारा अश्वेत व्यक्ति के साथ की गई मारपीट और अमानवीयता में उक्त व्यक्ति की मौत हो गई और इस घटना का वीडियो अमेरिका में वायरल हो गया।
हालांकि अमेरिका में अश्वेतों के साथ भेदभाव और उनके उत्पीड़न का यह पहला मामला नहीं है। प्रशासनिक स्तर पर भी अश्वेत लोगों की अनदेखी होती रही है। इस समय अमेरिका के 100 सेनेटरों में केवल दो ही अश्वेत हैं। जबकि प्रतिनिधि सभा के 435 सदस्यों में केवल 44 अश्वेत हैं।