अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव: बहुमत की तरफ बढ़ रहे बाइडेन, ट्रंप पिछड़े
वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मंगलवार को मतदान के बाद शुरू हुई मतगणना के मिले ताज़ा रुझानों में डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन ने अपने प्रतिद्वंदी रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर बढ़त बना ली है।
डेमोक्रेट उम्मीदवार को बाइडेन को अब तक 209 इलेक्ट्रोल मिल चुके हैं वहीँ प्रतिद्वंदी रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 116 इलेक्ट्रोल मिले हैं। अमेरिका के इतिहास में यह चुनाव सबसे कांटे की टक्कर वाला माना जा रहा है।
अमेरिकी मीडिया के मुताबिक जो बाइडेन ने अपने गृह राज्य डेलवेयर के अलावा न्यूयॉर्क जीत लिया है. इसके अलावा देश की राजधानी वाशिंगटन भी बाइडन के खाते में गई है। वहीँ इंडियाना के अलावा ओक्लाहोमा, केंटकी, टेनिशी और वेस्ट वर्जीनिया में डोनाल्ड ट्रंप रहे हैं।
कौन से राज्य में किसे कितने इलेक्ट्रोल:
डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन को कैलिफोर्निया में 55, कोलोराडो में 9, कनेक्टिकट में 7, डेलावेयर में 3, कोलंबिया जिला में 3, इलिनोइस में 20, मैरीलैंड में 10, मैसाचुसेट्स में 11, न्यू हैम्पशायर में 4, न्यू जर्सी में 14, न्यू मैक्सिको में 5, न्यूयॉर्क में 29, ओरेगन में 7, रोड आइलैंड में 4, वरमोंट में 3, वर्जीनिया में 13 और वाशिंगटन में 12 इलेक्ट्रोल मिले हैं।
वहीँ रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को अलबामा में 9, अरकंसास में 6, इंडियाना में 11, कंसास में 6, केंटकी में 8, लुइसियाना में 8, मिसिसिपी में 6, मिसौरी में 10, नेब्रास्का में 5, नॉर्थ डकोटा में 3, ओक्लाहोमा में 7, दक्षिण कैरोलिना में 9, दक्षिण डकोटा में 3, टेनेसी में 11, यूटा में 6, वेस्ट वर्जीनिया में 5 और व्योमिंग में 3 इलेक्ट्रोल मिले हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए कुल 270 इलेक्टोरेल वोट चाहिए. जबकि कुल इलेक्टोरेल वोट की संख्या 538 है। हालांकि, इस बार अधिकतर वोट मेल-इन के जरिए डाले गए हैं, ऐसे में शुरुआती नतीजों और अंतिम नतीजों में भारी अंतर देखने को मिल सकता है।
इस बीच डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस ने ट्वीट कर कहा है, जो बाइडेन जानते हैं कि इसका कोई मायने नहीं हैं कि हम कहां से आए हैं और कहां रहते हैं। हमारी नस्ल, लिंग, पृष्ठभूमि और आस्था क्या है इसका कोई मतलब नहीं है। हमारी पहचान कैसे की जाती है और हम किसे प्यार करते हैं, इसका भी कोई मतलब नहीं है। इसका भी कोई मतलब नहीं है कि आपकी दादी कौन सी भाषा बोलती हैं। हमें इस आधार पर कोई बांट नहीं सकता है।