अमेरिका ने भारत में धार्मिक आज़ादी पर फिर उठाये सवाल, कहा ‘हालात चिंताजनक’
नई दिल्ली। भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर से चिंता ज़ाहिर की है। धार्मिक स्वतंत्रता मामलों के अमेरिका राजदूत सेमुअल ब्राउनबैक ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी 2019 की रिपोर्ट जारी किए जाने के अवसर पर भारत के बारे में यह टिप्पणी की।
ब्राउनबैक ने टेलीफोन पर विदेश पत्रकारों को बताया कि भारत एक ऐसा देश है, जहां से चार प्रमुख धर्म विकसित हुए। ऐतिहासिक दृष्टि से भारत सभी धर्मों के लिए अत्यंत सहनशील और सम्मान करने वाला देश रहा है। लेकिन वहां जो कुछ भी हो रहा है, उससे हमें भारी चिंता होती है। भारत में नए बदलावों से समस्या बढ़ रही है। यह ऐसा धार्मिक उप महाद्वीप है कि जहां भारी सांप्रदायिक हिंसा हुई है।
अमेरिकी राजदूत ने कहा कि हमें कई समस्या दिख रही है। उनका मानना है कि भारत को इसके लिए कदम उठाने होंगे। उम्मीद है कि भारत विभिन्न धर्मों के बीच संवाद बढ़ाएगा ताकि आपसी समझ विकसित हो सके। इसके अलावा विशिष्ट मुद्दे सुलझाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। अगर भारत ने इस तरह के प्रयास नहीं किए तो हिंसा की घटनाएं बढ़ सकती हैं और समाज में समस्याएं और गंभीर हो सकती है।
एक सवाल के जवाब में ब्राउनबैक ने उम्मीद जताई कि भारत में कोविड-19 के फैलाव के लिए अल्पसंख्यकों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा और उन्हें संकट के दौर में समुचित तरीके से स्वास्थ्य सेवाएं, दवाइयां और भोजन आदि मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि भारत ने पहले भी इसी तरह की अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्र पर रिपोर्ट को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि संविधान से संरक्षण प्राप्त भारतीय नागरिकों की स्थिति के बारे में किसी भी विदेशी सरकार को टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।