आज़म खान के मंत्री रहते नौकरी लगने की मिली सजा, 975 इंजीनियर और 325 लिपिक बर्खास्त
लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश सरकार ने जल निगम में हुई उन 1,300 कर्मचारियों की नियुक्ति निरस्त कर दी है जिनकी भर्ती समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हुई थी।
ये भर्तीयां सपा सरकार में नगर विकास मंत्री आज़म खान के विभाग जलनिगम से जुडी हैं। सरकार का आरोप है कि इन भर्तियों में अनियमितताएं हुई हैं।
जल निगम के अपर मुख्य अभियंता आई के श्रीवास्तव की ओर से सोमवार को जारी आदेश के मुताबिक, पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में जल निगम में भर्ती किए गए 122 सहायक इंजीनियरों, 853 जूनियर इंजीनियरों और 325 लिपिकों की नियुक्ति को विशेष जांच दल (एसआईटी) और विभाग की रिपोर्ट के आधार पर रद्द कर उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाता है।
वर्ष 2016-17 में हुई इन भर्तियों के समय जल निगम तत्कालीन नगरविकास मंत्री आज़म खान के विभाग के अधीन था। गौरतलब है कि रामपुर से सपा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री आजम खान और अपने बेटे अब्दुल्ला आजम खान के साथ जेल में बंद हैं।
गौरतलब है कि धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट से कुर्की का आदेश जारी होने के बाद सांसद आजम खान ने 26 फरवरी को पत्नी और बेटे समेत अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया था।