मजदूरों को लाठियां और कोटा से रईसों के बच्चो को लाने के लिए बसें रवाना
नई दिल्ली। लॉकडाउन के एलान के बाद जहाँ हज़ारो मजदूर अलग अलग राज्यों में फंसे हैं और उन्हें घर वापस भेजने के लिए न तो कोई सरकार हाथ बढ़ा रही है और न ही उन्हें खुद से वापस जाने दिया जा रहा है। यदि कोई मजदूर सैकड़ो किलोमीटर पैदल रास्ता तय करके भी अपने घर वापस जाने की हिम्मत दिखाता है उसे रास्ते में कहीं न कहीं पुलिस की प्रताड़ना यहाँ तक कि मार भी खानी पड़ती है।
वहीँ लाखो रुपये फीस लेने वाले राजस्थान के कोटा के नामी कोचिंग सेंटरों में एमबीबीएस और इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए रह रहे छात्र भी लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं लेकिन अब उन्हें कोटा से निकालने के लिए आगरा परिक्षेत्र की 200 और झांसी की 100 बसों को कोटा रवाना किया गया है।
कोटा से छात्रों को लेने जा रही 300 बसों को पहले सेनेटाइज किया गया है। वहीँ कोटा में छात्रों को स्क्रीनिंग कराने के बाद ही बस में बैठने की अनुमति होगी। वहीँ गृह जनपद में पहुँचने के बाद इन छात्रों की पुनः जांच की जायेगी,उसके बाद ही वे अपने अपने घरो को जा सकेंगे।
जानकारी के मुताबिक राजस्थान के कोटा जिले में उत्तर प्रदेश के लगभग 7500 छात्र विभिन्न कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा कि ‘जैसा कि यूपी सरकार ने राजस्थान के कोटा शहर में रहने वाले यूपी के छात्रों को वापस बुलाया है, यह अन्य राज्यों के छात्रों के लिए भी किया जा सकता है।’
उन्होंने कहा कि ‘कोटा में छात्रों को उनसे संबंधित राज्य सरकार की सहमति पर उनके गृह राज्यों में भेजा जा सकता है ताकि ये युवा लड़के और लड़कियां घबराएं नहीं और न ही तनाव महसूस करें।’
वहीँ कई राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर वापस भेजने को लेकर अभी किसी राज्य सरकार ने कोई रूचि नहीं दिखाई है। अभी हाल ही में मुंबई के बांद्रा स्टेशन से ट्रेन चलने की अफवाहो के बाद बांद्रा रेलवे स्टेशन के सामने हज़ारो प्रवासी मजदूरों की भीड़ जुट गई थी। जिस पर पुलिस ने हल्का बल भी प्रयोग किया था।