उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्तावित स्पेशल फ़ोर्स को होंगे ये विशेष अधिकार
लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ़) के गठन के फैसले को लेकर अभी से सवाल उठने लगे हैं। अहम सवाल इस विशेष फ़ोर्स की आवश्यकता को लेकर उठाये जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यूपीएसएसएफ़ के गठन को लेकर जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यूपीएसएसएफ़ में एडीजी स्तर के आईपीएस अधिकारी को इस बल का मुखिया नियुक्त किया जाएगा। अधिसूचना में कहा गया है कि विशेष परिस्थितियों में बल को बिना वारेंट के तलाशी लेने और गिरफ़्तारी करने का भी अधिकार दिया गया है।
यूपीएसएसएफ़ के गठन के लिए राज्य सरकार ने डीजीपी से इसके विधिवत गठन का रोडमैप तैयार करने को कहा है। अधिसूचना के मुताबिक यूपीएसएसएफ़ का मुख्यालय लखनऊ में होगा। अधिसूचना में बल के कार्यों, अधिकार क्षेत्र, और संगठनात्मक ढांचे का निर्धारण कर दिया गया है।
यूपीएसएसएफ़ में एडीजी के अलावा आईजी, डीआईजी, समादेष्टा उप समादेष्टा व अन्य अधीनस्थ अधिकारियों की तैनाती होगी। शुरुआत में पीएसी से बल की पांच बटालियनों का गठन किया जाएगा।
गृह विभाग के अनुसार शुरुआत में बल में 9919 जवान होंगे। इन पर एक वर्ष में 1747 करोड़ रुपये ख़र्च होने का अनुमान लगाया गया है। यूपीएसएसएफ़ के जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी।
यूपीएसएसएफ़ के जवानो को प्रदेश में मेट्रो रेल, एयरपोर्ट, औद्योगिक संस्थानों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, ऐतिहासिक, धार्मिक व तीर्थ स्थलों एवं अन्य संस्थानों व जिला न्यायालयों आदि की सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे। निजी औद्योगिक प्रतिष्ठान भी निर्धारित शुल्क जमा करके इस बल की सुरक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
विशेष परिस्थितियों में बल का कोई सदस्य किसी मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना तथा किसी वारेंट के बिना किसी भी व्यक्ति को गिरफ़्तार कर सकता है। बल के सदस्य हमेशा ड्यूटी पर माने जाएंगे और प्रदेश के अंदर किसी स्थान पर किसी भी समय तैनाती किए जाने के योग्य होंगे।