क्या अयोध्या के बाद मथुरा को अपनी राजनीतिक ढाल बनाने जा रही बीजेपी
नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव से पहले जहां विपक्षी दलों के पास सरकार के खिलाफ अनेक मुद्दे हैं ऐसे में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का एक बयान सामने आया है। जिसे देखकर लगता है कि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर धार्मिक एजेंडे पर चुनाव लड़ने जा रही है।
मंगलवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का अचानक एक ट्वीट आया। इसमें कहा गया कि ‘अयोध्या काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है। मथुरा की तैयारी है।’
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए बयान के कई मतलब निकाले जा रहे है। जानकारों की माने तो केशव प्रसाद मौर्य का बयान इस बात के बड़े संकेत हैं कि बीजेपी के पास अपनी सरकार की कोई ऐसी उपलब्धि नहीं है, जिसे बताकर जनता से वोट मांगे जा सकें। इसलिए वह अपने पुराने धार्मिक पैंतरे के सहारे चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
मथुरा को लेकर केशव प्रसाद मौर्या का बयान उस समय आया है, जब उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय लोकदल, सुहेलदेव समाज पार्टी, अपना दल से गठबंधन हो चुका है और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद की आज़ाद समाज पार्टी से गठबंधन पर 3 दिसंबर को फैसला आना है।
वहीँ सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अब तक तीन आंतरिक सर्वे कराये हैं और तीनो ही आंतरिक सर्वे में बीजेपी की सीटें कम हुई हैं। सूत्रों ने कहा कि नवंबर महीने में हुए बीजेपी के तीसरे आंतरिक सर्वे की रिपोर्ट ने पार्टी के माथे पर चिंता की लकीरों को और गहरा कर दिया है।
सूत्रों ने कहा कि बीजेपी के तीसरे आंतरिक सर्वे में उसकी सीटें 75 से 80 तक बताई गई हैं। इस सर्वे रिपोर्ट पर लखनऊ से दिल्ली तक कई दिनों तक माथापच्ची चली। उसके बाद भी पीएम नरेंद्र मोदी की वह तस्वीर मीडिया में प्लांट कराई गई, जिसमे पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के कंधे पर हाथ रखकर कुछ बात कर रहे हैं।
फिलहाल, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा मथुरा को लेकर दिए गए बयान से इस बात की चर्चा को बल मिला है कि क्या बीजेपी 2022 का विधानसभा चुनाव भी धार्मिक एजेंडे को आगे रखकर लड़ेगी। क्या बीजेपी अयोध्या के बाद मथुरा को अपनी राजनीतिक ढाल बनाने की तैयारी कर रही है ?