यूपी: लव जिहाद के खिलाफ गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल 2020 को केबिनेट की मंजूरी
लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार केबिनेट ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने के लिए गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल 2020 को आज मंजूरी दे दी है। अहम बात है कि बिल में लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है बल्कि इसे गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल कहा गया है।
सरकार के प्रस्तावित विधेयक को धर्मांतरण विरोधी कानून माना गया है। यह विधेयक धोखा या धमकी देकर लोगों को अन्य धर्मों में परिवर्तित करने से रोकेगा। जानकारी के मुताबिक धर्मांतरण के खिलाफ बनाये जा रहे नए कानून में आरोप साबित होने पर 3 साल, 7 साल और 10 साल की सजा का प्रावधान है।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिसे लव जिहाद का नाम दिया जा रहा है। वो धोखाधड़ी करना, छल-कपट करना, विश्वासघात करना, नाम बदलकर किसी लड़की को अपने प्यार के जाल में फंसाना, उससे विवाह का नाटक करना और उसे दयनीय अवस्था में छोड़ देना है।
उत्तर प्रदेश के केबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि आज उत्तर प्रदेश कैबिनेट ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ लेकर आई है। जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा घटनाएं सामने आई थी जिनमें ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तित किया जा रहा है। इसके अंदर छल-कपट, बल से धर्म परिवर्तित किया जा रहा है। इसपर कानून बनाना एक आवश्यक नीति बनी, जिसपर कोर्ट के आदेश आए हैं और आज योगी जी की कैबिनेट अध्यादेश लेकर आई है।
अब यह बिल मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल से अनुमति मिलने पर धर्मांतरण कानून बन जाएगा। विधानसभा के अगले सत्र में इस प्रस्ताव को सदन में चर्चा के लिए रखा जाएगा।