किसान आंदोलन स्थगित, 11 दिसंबर से होगी किसानो की घर वापसी

किसान आंदोलन स्थगित, 11 दिसंबर से होगी किसानो की घर वापसी

नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक साल से चल रहा किसान आंदोलन समाप्त हो गया है। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान अब 11 दिसंबर से अपने घरो को वापसी करेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरुनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जीत का ऐलान हो गया है। 11 तारीख को हम सभी धरने समाप्त कर रहे हैं। सरकार ने जो वादे किए हैं उसके मुताबिक हम आज के आंदोलन को स्थगित कर रहे हैं। हर महीने उसकी समीक्षा करते रहेंगे। अगर सरकार अपने वादों से हिलती है तो दोबारा से आंदोलन करने पर विचार करेंगे।

इससे पहले आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सरकार की तरफ भेजे गए उस आधिकारिक पत्र का अध्यन किया गया, जिसमे किसानो की मांगें माने जाने की बात कही गई है।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद कहा कि सरकार की ओर से जो चिट्ठी मिली है उसे पहले हम सही से पढे़ंगे। उसका अर्थ क्या है वो समझ कर हमारे 5 लोग हैं वो आपको जवाब देंगे। अगर हेरा फेरी होगी तो फिर हम यहीं हैं, कोई कहीं नहीं जाएगा।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़के ने कहा कि मैं किसानों को बधाई देता हूं, उनकी जीत हुई। जिन किसानों की मृत्यु हई हैं उनके परिवाजनों को मुआवज़ा मिलना चाहिए। MSP पर क़ानून बनना चाहिए। किसानों की अन्य मामलों को भी ज़ल्द सुलझाया जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने किसानों का समर्थन किया है।

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि यह ऐतिहासिक आंदोलन की ऐतिहासिक जीत है। अब समय आ गया है कि MSP को क़ानूनी रूप दिया जाए। बहुत मांगों को सरकार ने लिखित रूप से स्वीकार किया है, उसपर सरकार की क्या नज़र रहती है, उसपर हमारी नज़र रहेगी। हमारें होठों पर मुस्कान है लेकिन आंखें नम हैं।

केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस सरकार ने टकराव का रास्ता नहीं टॉक का रास्ता अपनाया है। संवेदनशीलता के साथ बातचीत का रास्ता अपनाया है। सरकार की नीति और नियत अन्नदाताओं, कृषि के पक्ष में है। यह हर व्यक्ति समझता है, वह भी समझ रहे हैं।

किसान आंदोलन समाप्त होने पर शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि ये 378 दिन का जो किसान आंदोलन चला है, सबसे पहले संसद में इस्तीफा शिरोमणि अकाली दल ने दिया था। अगर हमारी बात सुन ली गई होती तो 700 लोगों की जान नहीं जाती। कांग्रेस पार्टी ने अगर विपक्ष का फर्ज़ निभाया होता तो शायद ये बिल पास ही नहीं होते।

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TeamDigital