शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पैदा हुई रार, उमा भारती ने पत्र लिख जताई नाराज़गी

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार केबिनेट के आज हुए विस्तार में 20 केबिनेट और 8 राज्य मंत्री बनाये गए हैं। केबिनेट विस्तार में सिंधिया समर्थक 9 नेताओं को भी जगह दी गई है। अहम बात यह है कि 12 ऐसे लोगों को भी मंत्री पद दिया गया है जो विधायक ही नहीं हैं।
केबिनेट विस्तार के बाद जहाँ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित बीजेपी के शीर्ष नेता संतोष जता रहे हैं वहीँ कुछ घंटो के अंदर ही पार्टी के अंदर असंतोष भी उभर कर सामने आ गया है।
भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने केबिनेट विस्तार में अपनी अनदेखी किये जाने की बात कही है। उमा भारती ने अपनी नाराज़गी पार्टी के नेताओं तक पहुंचाने के लिए एक पत्र लिखा है।
उमा भारती ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री सुहास भगत और बीजेपी एमपी के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे को अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखे गए पत्र में कहा कि मुझे पीड़ा हुई क्योंकि कैबिनेट विस्तार के बारे में मेरे सभी सुझावों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।
इतना ही नही उमा भारती ने पत्र में कहा कि मैं हिंदुत्व के लिए छह साल की उम्र से सक्रिय हूं, लेकिन मैंने पार्टी को एक महिला, ओबीसी और लोधी के रूप में अपनी स्थिति का उपयोग करने की अनुमति दी। पार्टी ने मुझे 27 से 55 वर्ष की आयु में विभिन्न पद दिए, जिसके लिए मैं आभारी हूं।
उमा भारती की नाराज़गी यहीं समाप्त नहीं हुई। उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा कि मेरे सुझावों को नजरअंदाज कर दिया गया। मुझे खुशी है कि कांग्रेस ध्वस्त हो गई है और सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन जहां तक मंत्रिमंडल विस्तार का सवाल है मेरे सभी सुझावों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।
उमा भारती ने पत्र में बीजेपी नेताओं से कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी सिफारिशों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया और इसी वजह से मंत्रियों की सूची में संशोधन किया जाना चाहिए।