6 महीने में नहीं बन सके विधायक, सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत हुए पैदल
भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार अपदस्त होने के बाद नई बनी शिवराज सरकार में मंत्री बनाये गए गोविन्द सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट ने अपने मंत्री पदों से इस्तीफा दे दिया है।
दोनों मंत्रियों ने मंत्री बनने के 6 महीने के अंदर विधायक न बन पाने के बाद संवैधानिक कारणों से इस्तीफे दिए हैं। हालांकि इस्तीफे में कहा गया है कि वे निजी कारणों से इस्तीफे दे रहे हैं।
दरअसल यदि किसी भी व्यक्ति को केबिनेट का सदस्य बनाया जाता है तो उसके लिए ज़रूरी है कि वह 6 महीने के अंदर विधानसभा या विधान परिषद की सदस्यता हासिल करना अनिवार्य होता है।
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी में गए गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट को शिवराज सरकार में मंत्री अवश्य बनाया गया लेकिन ये दोनों किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। इसलिए दोनों को मंत्री बनने के 6 महीने के अंदर विधानसभा या विधानपरिषद की सदस्यता लेना अनिवार्य था।
हालांकि तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत विधानसभा के उपचुनाव में उम्मीदवार हैं और वे बीजेपी के टिकिट पर विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण विधानसभा के उपचुनाव टलने और 6 महीने बीतने से दोनों नेताओं के मंत्री बने रहने पर संवैधानिक संकट पैदा हो गया। इसलिए मजबूरन दोनों के पास मंत्री पद छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं था।
तुलसीराम सिलावट इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीँ गोविन्द सिंह राजपूत सुरखी विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को मतदान होना है और 10 नवंबर को परिणाम घोषित किये जायेंगे।