मोदी सरकार के पॅकेज पर देश के दो पूर्व वित्त मंत्रियों ने जताई निराशा

मोदी सरकार के पॅकेज पर देश के दो पूर्व वित्त मंत्रियों ने जताई निराशा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तरफ से एलान किये गए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पॅकेज को लेकर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने निराशा जताई है। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई प्रेस कांफ्रेंस के बाद यशवंत सिन्हा ने कहा कि ‘सरकार को आने वाले तूफान का अंदाजा नहीं है।’

यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, ‘पैकेज से भारी निराशा हुई है। प्रवासियों, किसानों, रोज कमाने-खाने वाले, गरीबों के बारे में एक शब्द भी नहीं। इस सरकार को आने वाला तूफान नहीं दिखता है। राज्यों के लिए भी कुछ नहीं है।’

यह सरकार अपने ही अज्ञान और भय की गिरफ्त में है:

वहीँ पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कल शाम खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान किया था और कहा कि यह पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये का होगा, लेकिन जैसा की उम्मीद थी कि सरकार ने हेडलाइन पकड़ लिया जबकि पूरा पेज खाली निकला।

उन्होंने कहा, ‘मैं पहले बता दूं कि लाखों गरीब, भूखे और तबाह प्रवासी श्रमिकों के लिए वित्त मंत्री ने आज जो कुछ कहा उसमें कुछ भी नहीं था। जो चल चुके हैं और हजारों लोग अभी भी वापस अपने गृह राज्य पहुंचने के लिए पैदल चल रहे हैं। यह उन लोगों के लिए एक क्रूर झटका है, जो हर दिन संघर्ष करते हैं।’

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि ऐसी आबादी (13 करोड़ परिवारों) जो बेहद निचले स्तर पर रहती है उनके लिए नकद हस्तांतरण के माध्यम से भी कुछ भी नहीं है, जिन्हें बर्बाद होने के लिए धकेल दिया गया है। प्रो थॉमस पिकेट्टी ने गरीबों के लिए नकद हस्तांतरण की बात कही थी।

चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री ने कहा कि MSMEs के लिए कुछ समर्थन उपायों की घोषणा की, हालांकि मेरी नजर में यह ​​उपाय बड़े MSMEs (लगभग 45 लाख MSMEs) के पक्ष में झुका हुआ है. मुझे लगता है कि 6.3 करोड़ MSMEs को छोड़ दिया गया। हम अधीनस्थ ऋण (20,000 करोड़ रुपये) और इक्विटी कॉर्पस फंड (10,000 करोड़ रुपये) की पेशकश का स्वागत करते हैं, लेकिन हम ‘नियम और शर्तों’ का इंतजार करेंगे।

क्रेडिट गारंटी फंड पर उन्होंने कहा कि यह संपूर्ण फंड नहीं है जो वास्तव में खर्च किया जाएगा। यह खर्च व्यय MSMEs को बकाया गारंटीकृत क्रेडिट में एनपीए की सीमा तक सीमित करेगा। 20-50 फीसदी के एनपीए स्तर को मानते हुए, ऋणों की अवधि (जो कई साल हो सकती है) पर वास्तविक व्यय अधिकतम 3,00,000 करोड़ रुपये होगा।

चिदंबरम ने पॅकेज पर सवाल उठाते हुए कहा कि बाकी 16.4 लाख करोड़ रुपये कहां है? यह सरकार अपने ही अज्ञान और भय की गिरफ्त में है। सरकार को अधिक खर्च करना होगा, लेकिन वह ऐसा करने को तैयार नहीं है।

चिदंबरम ने कहा कि सरकार को अधिक उधार लेना चाहिए, लेकिन वह ऐसा करने को तैयार नहीं है। सरकार को राज्यों को अधिक उधार लेने और अधिक खर्च करने की अनुमति देनी चाहिए, लेकिन वह ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मामूली MSME पैकेज को छोड़कर, हम आज की घोषणाओं से निराश हैं।

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