केंद्र सरकार पर बढ़ेगा दबाव, अब किसान आंदोलन में होगी श्रमिक संगठनों की एंट्री

केंद्र सरकार पर बढ़ेगा दबाव, अब किसान आंदोलन में होगी श्रमिक संगठनों की एंट्री

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 81 दिनों से दिल्ली की सीमाओं सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाज़ीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को अब देश के प्रमुख मजदूर संगठनों का साथ मिला है।

कृषि कानून रद्द करने और एमएसपी गारंटी की मांग कर रहे किसान संगठनों के साथ मजदूर संगठनों के आने से केंद्र सरकार पर दबाव बन सकता है। किसान आंदोलन में भागीदारी तय करने के लिए मंगलवार को देश के प्रमुख 11 श्रमिक संगठनों की बैठक आयोजित की गई है।

श्रमिक संगठनों की इस बैठक में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूसीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), स्वरोजगार महिला संघ (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) बैठक करेंगे। इसमें आगामी रणनीति को लेकर चर्चा की जाएगी।

बैठक में किसान आंदोलन में श्रमिक संगठनों की भूमिका को लेकर चर्चा की जायेगी, साथ ही किसान आंदोलन को श्रमिक संगठन किस तरह मदद करेंगे इसके लिए भी रणनीति तय की जायेगी।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रमिक संगठनों की कल हो रही बैठक में फैसले के बाद श्रमिक संगठन देशभर में किसानो की मांगी के समर्थन में अपना आंदोलन शुरू करने का फैसला भी ले सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो केंद्र सरकार पर दबाव और बढ़ सकता है।

महात्मा गांधी भी आन्दोलनजीवी थे: टिकैत

इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आज कहा कि ‘भगवान हनुमान’ और महात्मा गांधी भी आंदोलनजीवी थे। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों से बातचीत करनी चाहिए, उन्हें पकड़कर जेल में नहीं डालना चाहिए।

टिकैत ने कहा कि ‘कुछ लोग हमको आंदोलनजीवी कहते हैं। सबसे बड़े आंदोलनजीवी तो ‘हनुमान जी’ थे। उन्होंने अपनी पूछ किसी और के लिए जलवाई थी। महात्मा गांधी भी आंदोलनजीवी थे।

टिकैत ने कहा कि जब आंदोलन करेंगे तो मुकदमे तो होंगे भाई. पहले जब लोग आंदोलन की वजह से जेलों में जाते थे तो बाकी लोग उनसे माफी मांगते थे। हम भी इससे डरने वाले नहीं है।’

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TeamDigital