सिर्फ तीन दिन में ही हो गया नीतीश सरकार में पहला इस्तीफा
पटना ब्यूरो। बिहार में सरकार बनने के तीसरे ही दिन शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी के इस्तीफा देने से साफ़ हो गया कि इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राहें आसान नहीं हैं। एक तरफ जदयू से अधिक सीटों वाली भारतीय जनता पार्टी का दबाव दूसरी तरफ बहुमत से कुछ दूर मौके की ताक में बैठे विपक्ष से जूझना इस बार नीतीश कुमार के लिए आसान नहीं होगा।
गौरतलब है कि नीतीश केबिनेट में भ्रष्टाचार के आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाये जाने के बाद से ही विवाद पैदा हो गया था। मेवालाल चौधरी को लेकर बीजेपी पहले आवाज़ उठा चुकी है इसलिए विपक्ष के आरोपों पर मेवालाल चौधरी से पल्ला झाड़ना बीजेपी की मजबूरी है।
वहीँ दूसरी तरफ मेवालाल चौधरी का नाम लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर दबाव बना रहा है और अंततः नीतीश कुमार के कहने पर शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को इस्तीफा देना पड़ा।
मेवालाल चौधरी के इस्तीफे से एक बात साफ़ हो गई है कि भले ही सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों लेकिन सरकार की लगाम बीजेपी के हाथ में ही रहेगी।
मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद जनता दल यूनाइटेड ने अपनी सफाई में कहा कि मेवालाल का इस्तीफा लोकलाज की वजह से लिया गया है। आरोप साबित होने के बाद हीं किसी को सजा दी जा सकती है। लेकिन, यदि किसी पर भ्रष्टाचार का आरोप है तो उस पर भी पार्टी बर्दाशत नहीं कर सकती है।