तिरंगे पर टिप्पणी: महबूबा मुफ़्ती के बयान से नाराज़ पीडीपी नेताओं के इस्तीफे

तिरंगे पर टिप्पणी: महबूबा मुफ़्ती के बयान से नाराज़ पीडीपी नेताओं के इस्तीफे

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाली की मांग कर रहीं पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती की तिरंगे को लेकर की गई टिप्पणी पर पीडीपी में बगावत शुरू हो गई है। महबूबा के बयान से नाराज़ तीन पीडीपी नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

पीडीपी नेताओं ने महबूबा मुफ़्ती को लिखे अपने पत्र में पार्टी छोड़ने का कारण बताते हुए लिखा कि उनके द्वारा की गई टिप्पणी से देशभक्ति की भावनाएं आहत हुई हैं। इस्तीफा देने वालो में टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफा शामिल हैं।

इससे पहले महबूबा मुफ़्ती की टिप्पणी को लेकर जम्मू में पीडीपी के दफ्तर पर सोमवार को भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तिरंगा लहराया। इतना ही नहीं महबूबा मफ्ती की टिप्पणी से नाराज़ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने लाल चौक पर भी तिरंगा फहराने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलो ने उन्हें खदेड़ दिया।

दरअसल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ शुक्रवार को बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने भारत के झंडे को लेकर विवादित बयान दिया था।

महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जब हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (राष्ट्रीय ध्वज) झंडे को भी उठा लेंगे। मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे। उन्होंने जम्मू कश्मीर के झंडे को लेकर कहा कि वह झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है। उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है।

प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि हम अनुच्छेद 370 वापस लेकर रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक यह संभव नहीं होता तब तक वे कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली नहीं हो जाती तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने का ज़िक्र करते हुए कहा कि बीजेपी ने बाबरी मस्जिद के आसपास ऐसा माहौल बनाया मानो वह कभी मौजूद ही न हो।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital