लॉकडाउन से पहले सरकार ने नहीं किया होम वर्क, सड़क पर दिखा परिणाम

लॉकडाउन से पहले सरकार ने नहीं किया होम वर्क, सड़क पर दिखा परिणाम

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे राष्ट्र के नाम संदेश में अचानक ही देशभर में 14 अप्रेल तक लॉक डाउन का एलान तो किया लेकिन बिना पूरे होम वर्क के किये गए इस लॉक डाउन के नेगेटिव परिणाम कल और आज दिल्ली यूपी बॉर्डर पर देखने को मिला।

अन्य राज्यों से आकर दिल्ली में काम करने वाले लोग अचानक हुई लॉक डाउन की घोषणा के बाद असहाय से दिखे। काम धंधे बंद होने के बाद बेरोज़गार हुए लोगों के सामने दो ही विकल्प थे या तो जहाँ हो वहीँ बिना काम धंधे के भगवान भरोसे रहो या फिर अपने अपने घर वापस लौट जाओ।

लोगों ने किसी तरह एक दिन इधर उधर गुजारा लेकिन पेटभर खाना नसीब नहीं हुआ तो धैर्य जबाव देने लगा। एटा के रहने वाले नसीब सिंह कहते हैं कि यदि लॉकडाउन करना था तो सरकार को चाहिए था कि वह लोगों को उनके घरो तक पहुंचाने की व्यवस्था करे या उन्हें घर तक पहुँचने के लिए पूरा समय दिया जाना चाहिए थे।

लॉक डाउन के चलते ट्रेन और बस बंद होने के बाद लोगों के सामने एकमात्र विकल्प पैदल चलने का था। इसलिए सैकड़ो लोग शुक्रवार से ही अपने परिवारों के साथ पैदल ही अपनी मंजिल तय करने निकल पड़े। इन परिवारों में छोटे बच्चे यहाँ तक कि गर्भवती महिलाएं भी थीं।

वहीँ कोरोना फैलने से रोकने के लिए किये लॉक डाउन की आज उस समय धज्जियां उड़ गईं जब हज़ारो की तादाद में लोग उत्तर प्रदेश सटे दिल्ली के आनंदबिहार, गाज़ीपुर और लालकुआ पर जमा हो गए।

हालांकि अपने घरो के लिए पैदल निकल पड़े लोगों की परिशानियाँ देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने आज एक हज़ार बसों का इंतजाम किया था। जिससे उत्तर प्रदेश के लोगों को उनके घरो तक पहुँचाया जा सके, लेकिन भीड़ इतनी थी कि एक हज़ार बसें भी कम दिखाई देने लगीं।

प्रवासी लोगों की भीड़ का यह आलम सिर्फ दिल्ली-यूपी सीमा पर ही नहीं था बल्कि कई प्रदेशो में इसी तरह की भीड़ उमड़ी और लॉक डाउन किये जाने का मकसद कहीं न कहीं फ्लॉप साबित हुआ।

राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। जो प्रवासी मजदूर और श्रमिक राजस्थान के शहर छोड़कर जा रहे हैं उन्हें पहुंचाने के लिए 600 बसों का इंतजाम किया है। हालांकि इस इंतजाम के बावजूद जयपुर बस अड्डे पर श्रमिकों की भीड़ देखी जा रही है।

दिल्ली, यूपी,राजस्थान के अलावा पंजाब और हरियाणा के कई शहरो में भी काम करने वाले श्रमिकों की भीड़ अपने अपने घर जाने के लिए उमड़ी। यही हाल उत्तर प्रदेश की इंडस्ट्री सिटी कहे जाने वाले कानपुर में भी देखा गया।

सरकार ने नहीं किया होम वर्क:

लोगों की भीड़ बता रही है कि पिछले कुछ दिनों का लॉक डाउन आज बुरी तरह फेल हो गया। इसके पीछे अहम कारण सरकार द्वारा लॉक आउट की अचानक की गई घोषणा को माना जा रहा है।

अपने अपने घरो को लौट रहे अधिकांश लोगों ने बातचीत में इस बात को उठाया। लोगों का कहना था कि सरकार को तीन दिन का समय देकर लॉकडाउन का एलान करना चाहिए था। जिससे लोग अपने घरो तक पहुँच सकते।

लोगों ने कहा कि जब दिल्ली को 31 मार्च तक के लिए टोटल लॉक डाउन का एलान किया गया था, उसी समय सरकार को चाहिए था कि वह लोगों को पूरी और सही जानकारी देती। सरकार को चाहिए था कि वह तीन दिन का समय देकर एलान करती कि जिन्हे जहाँ जाना है वे अगले तीन दिनों में चले जाएँ, उसके बाद कोई ट्रेन और बस नहीं चलेगी और देशभर में टोटल लॉक डाउन किया जाएगा।

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TeamDigital