जमींदारी काल में कुएं की खुदाई के दौरान मिली थी मूर्ति, मुरादें पूरी होने के लिए यहां आते है लोग
अमेठी (राम मिश्रा):जिले के वाराणसी लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग से करीब तीन किलोमीटर दूर मुसाफ़िरखाना विकासखंड क्षेत्र के पलिया चंदापुर गांव स्थित महावीर स्वामी मंदिर के प्रति लोगों की आस्था जुड़ी है।यह मंदिर वर्षों से आस्था का केन्द्र बना हुआ है।प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ दर्शन पूजन करने के लिए आते है और कहा जाता है सच्चे मन से मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है।
कुएं की खुदाई के दौरान मिली थी मूर्ति-
महावीर स्वामी मंदिर के पुजारी शिव कुमार शुक्ला और सुरेंद्र कुमार शुक्ला के अनुसार जमींदारी काल के दौरान पलिया चंदापुर गाँव में सबसे बड़ी समस्या पानी की थी। तत्कालीन स्थानीय जमीदारों व लोगों ने गांव में कुंआ खोदने का फैसला किया। जब कुंए की गहरी खुदाई की गई तो एक मूर्ति निकली। लोगों ने मूर्ति को पास में स्थित एक इमली के पेड़ के नीचे रखवा दिया। जिसके बाद एक स्थानीय ग्रामीण द्वारा मंदिर बनवाकर उसमें उस मूर्ति को स्थापित किया।तब से वहां के लोग महावीर स्वामी के नाम से पूजा करते है।
पुरातत्व विभाग नहीं दे रहा ध्यान-
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले कई सालों से लगातार इस मंदिर की अनदेखी पुरातत्व विभाग के द्वारा की जा रही है।लोगों ने विभाग से मंदिर के सौंदर्यीकरण कराने की मांग की है।
सरकार द्वारा भवन-क्षेत्र को कराया गया था संरक्षित-
पलिया चंदापुर के पूर्व प्रधान रघुनाथ यादव ने बताया कि करीब 8-10 वर्ष पूर्व सरकार द्वारा भवन क्षेत्र को संरक्षित कराया गया था और देखभाल के लिए चौकीदार की भी नियुक्त की गई थी।रिटायरमेंट होने के बाद चौकीदार अपने घर चला गया और इस जगह को कंटीले तारों से बैरिकेट कर दिया गया।
– रघुनाथ यादव (पूर्व ग्राम प्रधान-पलिया चंदापुर)
गाँव में स्थित महावीर स्वामी मन्दिर श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है मंदिर में क्षेत्रवासियों की अटूट श्रद्धा है। मंदिर में सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से सभी मन्नत पूरी होती है।
– अशोक कुमार कन्नौजिया-(ग्राम प्रधान-पलिया चंदापुर)