तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीमकोर्ट से मिली अंतरिम ज़मानत
नई दिल्ली। गुजरात में 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगो के मामलों में ‘‘निर्दोष लोगों’’ को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार की गईं सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीमकोर्ट से अंतरिम ज़मानत मिल गई है।
शुक्रवार को सुप्रीमकोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को सशर्त अंतरिम जमानत दिए जाने का आदेश दिया। तीस्ता सीतलवाड़ को निचली अदालत में अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा और वे बिना अनुमति विदेश यात्रा नहीं कर सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता को नियमित जमानत के लिए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को भी कहा है।
प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने तीस्ता सीतलवाड़ की ज़मानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए सीतलवाड़ को दंगा मामलों में लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोपों की जांच में संबंधित एजेंसी के साथ सहयोग करने को भी कहा। तीस्ता सीतलवाड़ को उनकी एनजीओ से जुड़े मामले को लेकर अहमदाबाद अपराध शाखा ने 25 जून को गिरफ्तार गया था।
इससे पहले गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता के मामले में गुजरात हाईकोर्ट के रुख पर हैरानी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि तीस्ता की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए कोई हाईकोर्ट 6 हफ्तों का वक्त कैसे दे सकती है? इसके बाद कोर्ट ने मामले को आज फिर सुनवाई के लिए रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला दो महीने से अधिक समय से हिरासत में है।