पीएम के साथ बैठक में बोले पवार, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में तब्लीगी जमात को न घसीटा जाये

पीएम के साथ बैठक में बोले पवार, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में तब्लीगी जमात को न घसीटा जाये

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए अलग अलग राजनैतिक दलों के नेताओं से देश में फ़ैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर बातचीत की।

इस बैठक में कोरोना संक्रमण को लेकर किये जा रहे उपायों, लॉकडाउन और पीपीई जैसे अहम मुद्दों को लेकर बातचीत हुई। इस बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने तबलीगी जमात का मामला उठाया और पीएम मोदी का ध्यान इस तरफ दिलाने की कोशिश की।

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने बैठक में तबलीगी जमात को लेकर अखबारों और न्यूज़ चैनलों पर दिखाई जा रही खबरों को लेकर चिंता जताई। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सर्वदलीय बैठक में शरद पवार ने कहा कि इस मामले को और तूल देना ठीक नहीं है।

शरद पवार ने पीएम मोदी से कहा कि हर दिन टीवी चैनलों पर तब्लीगी जमात को लेकर हो रही बेवजह की चर्चा से देश का माहौल खराब होता है और इन परिस्थितियों में हमें इससे बचना चाहिए।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने शरद पवार की बात का समर्थन करते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में तब्लीगी जमात को न घसीटा जाए। वह एक अलग मामला है। इस पर प्रधानमंत्री ने भी गुलाम नबी आज़ाद और शरद पवार की बात से सहमति जताई।

बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलामनबी आज़ाद ने कहा कि पीएम मोदी के साथ आज हुई सर्वदलीय बैठक में तब्लीगी जमात का मुद्दा भी उठाया गया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भी हमारी इस बात से कि तब्लीगी जमात के मुद्दे को बेवजह तूल न दिया जाए से अपनी सहमति जताई है।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण दिल्ली में लागू किये गए टोटल लॉक डाउन के दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मर्कज़ में तब्लीगी जमात का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें हज़ारो की तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया था। मामला प्रकाश में आने के पुलिस ने मर्कज़ को खाली करा दिया और इसे सील कर दिया गया है।

वहीँ तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों को अलग अलग अस्प्तालो में कोरोना टेस्ट के लिए भर्ती कराया गया तथा पॉजिटिव मिले लोगों को क्वारंटाइन किया गया है।

निजामुद्दीन मर्कज़ में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम के खुलासे के बाद कुछ मीडिया चैनलों और अखबारों ने एकतरफा ख़बरें दिखायीं। इनमे से अधिकांश ख़बरें फ़र्ज़ी भी साबित हुईं। इतना ही नहीं कुछ लोगों ने तब्लीगी जमात को निशाना बनाने के लिए सोशल मीडिया पर मनगढ़ंत कहानियां, तस्वीरें और वीडियो भी शेयर किये जो बाद में झूठे साबित हुए।

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TeamDigital