क्वारंटाइन में तब्लीगी जमात के सदस्य की भूख से मौत पर अल्पसंख्यक आयोग ने उठाये सवाल
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नई दिल्ली। निजामुद्दीन मर्कज़ प्रकरण सामने आने के बाद देशभर में तब्लीगी जमात के सदस्यों को जबरन पकड़ पकड़ कर क्वारंटाइन किये जाने के बाद अब दिल्ली में बड़ी लापरवाही सामने आई है।
दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके तब्लीगी जमात के क्वारंटाइन किये गए सदस्य 59 वर्षीय मोहम्मद मुस्तफ़ा सुगर के मरीज थे, इसके बावजूद उन्हें समय से दवाएं और भोजन न दिए जाने के कारण तब्लीगी जमात के सदस्य की मौत का खुलासा होने के बाद दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है।
द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक़, आयोग के अध्यक्ष ज़फ़रुल इस्लाम और आयोग के सदस्य करतार सिंह कोचर ने दिल्ली सरकार और एलजी को पत्र लिखकर अधिकारियों की लापरवाही की जांच और मौत के लिए जवाबदेही तय करने की मांग की है।
पत्र में कहा गया है कि मरने वाले व्यक्ति को शुगर की समस्या थी, लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों और डॉक्टरों हद से ज़्यादा लापरवाही दिखाई और मरीज़ों को समय पर खाना व दवाईयां तक उपलब्ध नहीं करवाईं।
ग़ौरतलब है कि नई दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाक़े में स्थित तबलीग़ी जमात के सैकड़ों सदस्यों को अलग अलग सेंटरों में कोरंटीन किया गया है। कुछ सेंटरों में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है, और वहां क्षमता से अधिक लोगों को रखा गया है। इसके अलावा जिन लोगों का कोरोना का टेस्ट पॉज़िटिव आया है, उन्हें दूसरे के साथ रखा जा रहा है, जिससे बाक़ी के लोगों में भी यह संक्रमण फैल रहा है।
आयोग का कहना है कि सुल्तानपुरी सेंटर में तबलीग़ी जमात के 21 कोरोना पॉज़िटिव मामलों में से सिर्फ़ चार से पांच को ही अस्पताल ले जाया गया है, साथ ही इलाज में लापरवाही भी बरती गई।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में देश के पूर्व नौकरशाहों की संस्था कॉन्स्टीट्यूशन कंडक्ट ग्रुप ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशो के उप राज्यपाल को पत्र लिखकर मुसलमानो के खिलाफ नफरत भड़काने की साजिश का हवाला देते हुए नफरत फैलाने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाही की मांग की थी।
प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित राज्यों के उपराज्यपालो को लिखे पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण फैलने के लिए बिना किसी ठोस कारण के मुसलमानो को ज़िम्मेदार ठहराना और उनके साथ अमानवीय व्यवहार और भेदभाव किया जाना बेहद निदनीय है।