पुलिस कमिश्नर परमबीर के पत्र को लेकर सस्पेंस, न आधिकारिक ईमेल आईडी, न पत्र पर साइन
मुंबई। मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखे जाने के आरोप में गिरफ्तार किये गए पुलिसकर्मी सचिन वाजे को लेकर ट्रांसफर किये गए पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र को लेकर अब सस्पेंस पैदा हो गया है। इस पत्र में परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं।
क्या यह पत्र ट्रांसफर किये गए पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का ही है? इसे लेकर अब सवाल उठ रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय ने पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के पत्र को लेकर कहा है कि जो ईमेल मुख्यमंत्री कार्यालय को मिला है वह परमबीर सिंह की ऑफिशियल आईडी से नहीं भेजा गया है तथा पत्र पर परमबीर सिंह के हस्ताक्षर नहीं हैं।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय ने बताया कि शाम 4.37 बजे मिला ईमेल परमबीर सिंह की ऑफिशियल आईडी से नहीं आया है बल्कि ईमेल के लिए एक अन्य आईडी का इस्तेमाल किया गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, इस पत्र में परमबीर सिंह के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। नए ईमेल एड्रेस के बारे में पता किया जा रहा है। इसके लिए गृह मंत्रालय उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है।
मुख्यमंत्री सचिवालय को मिले ईमेल में paramirs3@gmail.com आईडी का इस्तेमाल किया गया है, यानि सिर्फ नाम लिखा है जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय में परमबीर सिंह की आधिकारिक ई मेल आईडी parimbirs@hotmail.com नाम से दर्ज है।
गौरतलब है कि पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अपने पत्र में एंटीलिया केस में फंसे सचिन वाजे का जिक्र किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की बसूली करने को कहा था।
अपने पत्र में परमबीर सिंह ने कहा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने के आरोपी पुलिसकर्मी सचिन वाजे को हर महीने रेस्ट्रॉन्ट्स, होटल, बार आदि से 100 करोड़ वसूली करने के आदेश दिए थे।
यहां अहम सवाल यह भी है कि पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र की सत्यता की पड़ताल किये बिना गृह मंत्री अनिल देशमुख ने किस आधार पर आरोप लगाया कि पुलिस कमिश्नर खुद को बचाने के लिए आरोप लगा रहे हैं।