अवमानना मामला: प्रशांत भूषण मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

अवमानना मामला: प्रशांत भूषण मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट की अवमानना मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा माफ़ी मांगने से इंकार किये जाने के बाद प्रशांत भूषण के 2020 आपराधिक अवमानना मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।

वहीँ प्रशांत भूषण के अलावा सुप्रीमकोर्ट ने वर्ष 2009 के पत्रकार तरूण तेजपाल के खिलाफ अवमानना मामले को भी दूसरी पीठ को सौंप दिया है।

दरअसल 2009 में प्रशांत भूषण द्वारा एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कुछ मामलो पर टिप्पणी की थी, इसे भी सुप्रीमकोर्ट की अवमानना करार दिया गया था। उस समय तरुण तेजपाल इसी पत्रिका के सम्पादक थे।

वीडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम से हुई सुनवाई में पीठ ने आज इस मामले को लेकर कहा कि यह मामला काफी समय से लंबित है, इसे 10 सितंबर को एक उपयुक्त पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।

दो सितंबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि इस मामले को देखने के लिए समय चाहिए अत: इसे एक उपयुक्त पीठ को सौंपते हैं।

वहीँ प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना के ताजा मामले में सुप्रीमकोर्ट द्वारा प्रशांत भूषण को माफ़ी मांगने के लिए दी गई समय सीमा की अवधि कल समाप्त हो गई। अवधि समाप्त होने से पहले ही प्रशांत भूषण ने कहा कि वे अवमानना मामले में माफ़ी नहीं मांगेंगे।

बीते गुरूवार को सुप्रीमकोर्ट की अवमानना मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ने अब वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को अपने बयान पर पुनर्विचार करने के लिए दो दिन की मोहलत दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि था कि सुप्रीमकोर्ट के खिलाफ अपमानजनक ट्विट के लिये क्षमा याचना से इंकार करने वाले उनके ‘विद्रोही बयान’ पर दोबारा गौर करने के लिए भूषण को हम दो-तीन दिन का वक्त दे रहे हैं।

इस पर प्रशांत भूषण ने कहा था कि वह दो-तीन दिन में अपने वकीलों से परामर्श लेंगे और सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर विचार करेंगे। भूषण ने कहा कि मेरे ट्वीट एक नागरिक के रूप में मेरे कर्तव्य का निर्वहन करने का प्रयास थे। अगर मैं इतिहास के इस मोड़ पर नहीं बोलता तो मैं अपने कर्तव्य में असफल होता। मैं कोई भी सजा स्वीकार करने को तैयार हूँ।

प्रशांत भूषण मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी सुप्रीमकोर्ट से अपील की थी कि वह प्रशांत भूषण को सजा न दे। वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा था कि प्रशांत आम लोगों के हित में शानदार काम करते रहे हैं। इसे देखते हुए उन्हें माफ़ किया जाना चाहिए।

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TeamDigital