सुप्रीमकोर्ट की सुदर्शन टीवी को कड़ी फटकार, कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक
नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने सुदर्शन टीवी के यूपीएससी जिहाद कार्यक्रम पर फिलहाल रोक को बरकरार रखा है। इतना ही नहीं देश की सर्वोच्च अदालत ने चैनल और उसके मालिक सुरेश चव्हाणके को कड़ी फटकार भी लगाई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
सुदर्शन टीवी के एक कार्यक्रम “यूपीएससी जिहाद” के प्रसारण पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की मंशा मुसलमानों को कलंकित करने की है।
कोर्ट ने कहा कि, “यह कार्यक्रम एक विशेष समुदाय को बदमान करने की बेहद कपटपूर्ण साजिश वाला है।” कोर्ट ने कहा कि विशेष समुदाय के नागरिक भी एक ही परीक्षा से गुजरते हैं और एक ही पैनल को इंटरव्यू देते हैं।
इतना ही नहीं सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि “यह यूपीएससी परीक्षा पर भी सवाल उठाता है। हम इन मुद्दों से कैसे निपटें? क्या इसे बर्दाश्त किया जा सका है? जस्टिस चंद्रचूड़ ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि, यह कैसे इतना कट्टर हो सकता है। एक समुदाय को निशाना बनाना जो सिविल सेवा में शामिल हो रहा है।“
कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि, “हम देश की सबसे बड़ी अदालत होने के नाते आपको यह कहने की इजाजत नही दे सकते कि मुस्लिम नागरिक सेवाओं में घुसपैठ कर रहे हैं।”
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस इन्दु मल्होत्रा और जस्टिस के एम जोसेफ की बेंच ने सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ मीडिया हाउस के कार्यक्रमों में आयोजित होने वाली बहस चिंता का विषय है क्योंकि इसमें हर तरह की मानहानि कारक बातें कहीं जा रही हैं।
कोर्ट ने कहा, “हम केबल टीवी एक्ट के तहत तय प्रोग्राम कोड के पालन को सुनिश्चित करने के लिए बाध्य हैं एक स्थिर लोकतांत्रिक समाज की इमारत और अधिकारों और कर्तव्यों का सशर्त पालन समुदायों के सह-अस्तित्व पर आधारित है। किसी समुदाय को कलंकित करने के किसी भी प्रयास से निपटा जाना चाहिए।”
कोर्ट ने यह भी कहा कि “हम पांच प्रतिष्ठित नागरिकों की एक समिति नियुक्त करें जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए कुछ मानकों को सामने रखे। हम कोई राजनीतिक विभाजनकारी प्रकृति नहीं चाहते हैं, और हमें ऐसे सदस्यों की आवश्यकता है जो प्रशंसनीय कद के हों।“