किसानो के प्रदर्शन पर सुप्रीमकोर्ट ने जताई चिंता, कहा ‘बातचीत से निकले हल’
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर आज सुप्रीमकोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि हम हालत समझते हैं लेकिन यह मामला बातचीत से हल होना चाहिए।
सुप्रीमकोर्ट में तीन कृषि कानूनों को रद्द के खिलाफ एक और याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता एमएल शर्मा से पूछा आपको पता है कोर्ट में किसान प्रदर्शन को लेकर क्या चल रहा है? इस पर एमएल शर्मा ने कहा कि उन्होंने संशोधित याचिका दाखिल कर दी है।
इसके बाद चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि ‘किसान प्रदर्शन पर कब सुनवाई होनी है?’ इस पर तुषार मेहता ने कहा अभी तारीख तय नहीं हुई है लेकिन इस पर दूसरे मामलों के साथ सुनवाई न की जाए जाए।
इस पर चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि ‘हम इसको दूसरे मामलों के साथ इसलिए सुनना चाहते है कि क्योंकि प्रदर्शन को लेकर अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि अब सभी याचिकाओं पर 11 जनवरी को सुनवाई होगी। उन्होंने कहा हम सभी मामलों पर एक साथ सोमवार को सुनवाई करेंगे और अगर उस दिन अटॉर्नी जनरल मामले को टालने की मांग रखते है तो सुनवाई टाल दी जाएगी।
चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट भी चाहता है कि बातचीत से हल निकाला जाए। इस पर अटॉर्नी जनरल एजी के के वेणुगोपाल ने कहा कि इस बात की अच्छी संभावना है कि पार्टियां निकट भविष्य में किसी नतीजे पर पहुंच सकती हैं।
गौरतलब है कि कड़ाके की सर्दी के साथ पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण किसान आंदोलन में शामिल लोगों की मुश्किलें अवश्य बढ़ी हैं लेकिन इसके बावजूद उनके हौसले बुलंद हैं और वे अपनी मांगो के समर्थन में दिल्ली से सटे राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर डंटे हुए हैं। कृषि कानून को लेकर सुप्रीमकोर्ट में कई याचिकाएं पहुंची हैं। अब कोर्ट इन सभी याचिकाओं पर एक साथ 11 जनवरी को सुनवाई करेगा।