अवमानना मामले में प्रशांत भूषण का माफ़ी मांगने से इंकार, सजा टालने की अपील ख़ारिज
नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट की अवमानना मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण की अपील को कोर्ट ने आज ख़ारिज कर दिया है। प्रशांत भूषण की तरफ से दायर की गई अपील में कोर्ट से मांग की गई थी कि 14 अगस्त के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर होने और उस पर विचार होने तक कार्यवाही टाली जाये।
अदालत ने कहा कि अगर हम आपको दंडित करते हैं तो समीक्षा पर निर्णय तक यह लागू नहीं होगा। हम आपके साथ निष्पक्ष रहेंगे। हमें लगता है कि आप इस पीठ से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रशांत भूषण की तरफ से पेश हुए वकील दुष्यंत दबे ने कोर्ट से कहा कि न्यायिक समीक्षा के तहत अपील सही है और सजा को स्थगित किया जा सकता है।यदि सजा को टाल दिया जाता है तो कोई आफत नहीं आएगी।
इस पर अदालत ने सुनवाई टालने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि “सजा के बाद ही फैसला पूरा होता है। हम सजा की सुनवाई टालने का प्रस्ताव नहीं दे रहे हैं।”
गौरतलब है कि सुप्रीमकोर्ट की अवमानना मामले में 14 अगस्त को न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने सुनवाई करते हुए प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी करार दिया था। इस मामले में आज सजा का एलान किया जाना है।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के ट्वीट मामले में एक याचिका का संज्ञान लेते हुये सुप्रीमकोर्ट ने प्रशांत भूषण के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही के लिए उन्हें 22 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
क्या है मामला:
सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने 27 जून को दो ट्वीट किये थे। इसमें पहले ट्वीट में लिखा था कि “जब भावी इतिहासकार देखेंगे कि कैसे पिछले छह साल में बिना किसी औपचारिक इमरजेंसी के भारत में लोकतंत्र को खत्म किया जा चुका है, वो इस विनाश में विशेष तौर पर सुप्रीम कोर्ट की भागीदारी पर सवाल उठाएंगे और मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को लेकर पूछेंगे।”
वहीँ दूसरे ट्वीट में प्रशांत भूषण ने मौजूदा प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की एक तस्वीर को लेकर सवाल उठाये थे। जिसमे वे(सीजेआई) बाइक पर बिना हेलमेट और बिना मास्क बैठे हैं। हालाँकि ट्वीट के इस हिस्से पर प्रशांत भूषण ने खेद व्यक्त करते हुए माफ़ी मांग ली है।
दरअसल, इस फोटो को लेकर प्रशांत भूषण गच्चा खा गए, उन्होंने ट्वीट करने से पहले यह नहीं देखा कि सीजेआई एसए बोबडे जिस बाइक पर बैठे हैं वह बाइक चला नहीं रहे बल्कि स्टेण्ड पर खड़ी है।
3 अगस्त को प्रशांत भूषण ने कहा कि ‘मैं ये मानता हूं कि इस बात पर मेरा ध्यान नहीं गया कि बाइक स्टैंड पर खड़ी थी और ऐसे में हेलमेट पहनने की कोई जरूरत नहीं थी। इसलिए मैं अपने ट्वीट के उस हिस्से के लिए माफी मांगता हूं लेकिन मैं अपने ट्वीट के बाक़ी हिस्सों के लिए माफी नहीं मांगता हूं।’
हालाँकि बाकी के ट्वीट पर प्रशांत भूषण ने माफ़ी मांगने या खेद प्रकट करने से इंकार कर दिया। अपने 134 पन्नो के जबाव में प्रशांत भूषण ने सहारा-बिड़ला डायरी मामले से लेकर लोया की मौत, काहिको पॉल आत्महत्या मामले से लेकर मेडिकल प्रवेश घोटाले, असम में मास्टर ऑफ रोस्टर विवाद, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से लेकर नागरिकता संशोधन अधिनियम तक का ज़िक्र किया।