सुप्रीमकोर्ट ने कहा “सरकार से अलग विचार होना देशद्रोह नहीं”
नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने आज एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार से अलग विचार होना देशद्रोह नहीं है। सुप्रीमकोर्ट ने यह टिप्पणी नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान की है।
सुप्रीमकोर्ट ने उस याचिका को भी ख़ारिज कर दिया जिसमे अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर दिए गए बयान पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाए जाने की मांग की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि फारूक अब्दुल्ला के बयान को देखते हुए उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि सरकार की राय से भिन्न विचारों की अभिव्यक्ति को देशद्रोही नहीं कहा जा सकता है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला ने अनुच्छेद-370 पर भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान की मदद मांगी थी। याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए पीठ ने फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ आरोपों को साबित नहीं कर पाने पर याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।