अर्नब को झटका, ‘न एफआईआर रद्द होगी, न सीबीआई को सौंपी जायेगी जांच’

अर्नब को झटका, ‘न एफआईआर रद्द होगी, न सीबीआई को सौंपी जायेगी जांच’

नई दिल्ली। पालघर लिंचिंग मामले में टीवी पर लाइव डिबेट के दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए अपमान जनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले रिपब्लिक टीवी के चीफ एडिटर अर्नब गोस्वामी को आज सुप्रीमकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है।

मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पालघर मामले से संबंधित 21 अप्रैल के समाचार कार्यक्रम के सिलसिले में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ दर्ज शुरूआती प्राथमिकी निरस्त करने से इन्कार किया।

इतना ही नहीं कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी से कहा कि प्राथमिकी निरस्त कराने के लिये सक्षम अदालत जायें। देश की सर्वोच्च अदालत ने अर्नब गोस्वामी के खिलाफ दर्ज प्राथिमकी की जांच सीबीआई को सौंपने से इन्कार किया है.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ गोस्वामी की एक अन्य याचिका पर भी फैसला सुनाएगी जिसमें उनके शो में कुछ बयानों से कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत होने के मामले में पुलिस द्वारा दो मई को उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गयी है।

शीर्ष अदालत ने 11 मई को निर्देश दिया था कि मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज नयी प्राथमिकी में गोस्वामी के खिलाफ कोई निरोधक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। सुप्रीमकोर्ट ने उनकी दोनों याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

गौरतलब है कि अर्नब गोस्वामी ने शीर्ष न्यायालय में दावा किया था कि मुंबई पुलिस ने कथित मानहानि वाले बयानों के संबंध में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में उनसे 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी शीर्ष अदालत में आरोप लगाया कि अर्नब गोस्वामी शीर्ष अदालत द्वारा प्राप्त संरक्षण का दुरुपयोग कर रहे हैं और पुलिस को धमका रहे हैं।

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TeamDigital