लव जिहाद कानून की समीक्षा करेगा सुप्रीमकोर्ट, यूपी और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी

लव जिहाद कानून की समीक्षा करेगा सुप्रीमकोर्ट, यूपी और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार द्वारा अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए लाये गए कानून पर रोक लगाए जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने तत्काल रोक लगाए जाने से इंकार कर दिया है। हालांकि सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि वह पहले धर्मांतरण विरोधी कानून की समीक्षा करेगा।

धर्मांतरण कानून पर रोक लगाए जाने की मांग वाली याचिका में कहा गया है कि इसकी आड़ में अंतरधार्मिक विवाह करने वाले लोगों को परेशान किया जा रहा है। लोगों को शादियों से ही उठा लिया जा रहा है।  इसलिए इस कानून पर तुरंत रोक लगाए जाने की आवश्यकता है।

याचिका पर बुधवार को सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पहले ही इस मामले में उच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा है। इस पर शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से उच्च न्यायालय नहीं जाकर सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने पर आपत्ति जताई और इसका कारण भी पूछा।

सुनवाई के बाद सुप्रीमकोर्ट ने धर्मांतरण कानून पर तुरंत रोक लगाए जाने से इंकार करते हुए इस कानून की समीक्षा किये जाने की बात कही। इतनी ही नहीं न्यायालय ने लव जिहाद से जुड़े अध्यादेश को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकार को नोटिस जारी कर उनसे पक्ष रखने को कहा है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने धर्म परिवर्तन से जुड़े एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसके तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने, लालच देकर या शादी का झांसा देकर धर्म बदलवाने वालों को कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड सहित कई बीजेपी शासित राज्यों में भी धर्मांतरण के खिलाफ कानून लागू किया गया है।

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TeamDigital