अर्नब गोस्वामी की याचिका पर सुनवाई पूरी, अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित
नई दिल्ली। रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्नब गोस्वामी की याचिका पर सुप्रीमकोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है। इस सुनवाई में अर्नब की तरफ से हरीश साल्वे और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भाग लिया।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने दोनों पक्षों को कहा कि फैसला सुरक्षित रख लिया गया है, तब तक के लिए याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
बहस के दौरान अर्नब गोस्वामी के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अर्नब गोस्वामी ने पालघर मॉब लिंचिंग मामले पर अपने टेलीकास्ट में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसकी जांच अब पुलिस द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर जांच सीबीआई को हस्तांतरित हो जाती है तो उन्हें कोई समस्या नहीं है।
इस पर महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एतराज जताया। सिब्बल ने कहा कि ऐसा करने से जांच आपके (अर्नब) हाथ में चली जाएगी।
इस पर हरीश साल्वे ने कहा कि मैं क्रॉसफायर में फंस गया हूँ, ये केंद्र और राज्य के बीच राजनैतिक मामला बन गया है। साल्वे ने कोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने पर विचार किया जाए और एजेंसी से अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा जाए। यह केंद्र बनाम राज्य का मुद्दा है और मैं (गोस्वामी) इस पर पार्टी बन गया हूं।
इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने अर्णब गोस्वामी के गिरफ्तारी पर तीन हफ्ते की रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि गोस्वामी ने लगातार एफआईआर दर्ज होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें यह आंशिक राहत दी थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि सभी एफआईआर को एक जगह किया जाये और वहीं से जांच की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि पालघर मामले में टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कथित तौर पर विवादित टिप्पणी करने के बाद कांग्रेस नेताओं ने अर्नब गोस्वामी के खिलाफ कई राज्यों में करीब 130 से अधिक मुकदमे दर्ज कराये हैं।