लॉकडाउन में छात्र नेता ने लिया गरीबो को भोजन खिलाने का जिम्मा

लॉकडाउन में छात्र नेता ने लिया गरीबो को भोजन खिलाने का जिम्मा

अलीगढ। देश में कोरोना संक्रमण के चलते घोषित किये गए 21 दिनों के लॉकडाउन से दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों के अलावा गरीब परिवारों के सामने सबसे बड़ी चुनौती पेटभर भोजन की है।

हालाँकि लॉकडाउन को ध्यान में रखकर कई स्वयं सेवी संस्थाओं के अलावा प्रशासन भी गरीब परिवारों में राशन वितरण का जिम्मा उठा रहा है लेकिन हर गरीब परिवार तक पहुंच पाना भी एक बड़ी चुनौती है।

ऐसे में अलीगढ़ जनपद में एक छात्र नेता गरीब परिवारों को ढूंढ़कर उनको भोजन करा रहे हैं। राजा भैया, यूँ तो छात्र नेता है लेकिन लॉकडाउन में उनकी भूमिका किसी समाजसेवी से कम नहीं हैं।

वे प्रतिदिन सैकड़ो खाने के पैकेट बनवाते हैं और खाने के इन पैकेटो को लेकर गरीब बस्तियों में जाकर घर घर खाना बाँट रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए छात्र नेता राजा भैया अपने साथ सिर्फ एक सहयोगी लेकर चलते हैं।

इतना ही नहीं वे शहर से लेकर देहात के इलाको में फुटपाथ पर रहने वाले, रिक्शा चलाने वाले यहाँ तक कि उन गरीब महिलाओं तक भी पहुंच रहे हैं जिनके घर में कमाने वाला कोई नहीं हैं।

छात्र नेता राजा भईया ने लोकभारत से बातचीत में कहा कि लॉकडाउन से पहले लोग प्रतिदिन अपने रोज़गार से कुछ न कुछ कमाते थे और लॉकडाउन के कारण लोगों का रोजगार बंद हो चुका है। ऐसे लोगों से मेरा कहना है कि उन्हें परेशान होने की जरूरत नही है, हम लॉकडाउन खुलने तक उन सभी ज़रूरतमंद लोगों के घरो पर खाने पीने का जरूरी सामान पहुचाने का काम करते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार और स्थानीय प्रशासन अपने स्तर से जो भी प्रयास कर रहा हो लेकिन हम भी किसी जरूरतमंद को भूखा नही सोने देंगे, हमने खैर ब्लॉक से ऐसे लोगों की सूची मांगी है जिनके आजीविका के साधन बंद हो चुके हैं। बाकी हम अलीगढ़ के इलाकों में जरूरतमंद लोगों को राशन देने का काम कर रहे हैं, गांव से लेकर शहर तक औऱ सड़क से लेकर घर तक, जहाँ तक भी हम पहुँच सकेंगे हम मदद के लिए हर समय तैयार हैं।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital