अभी धरने पर डंटे रहेंगे किसान, एमएसपी पर कानून अगला लक्ष्य
नई दिल्ली। भले ही केंद्र सरकार ने तीनो कृषि कानून वापस लेने का एलान कर दिया है लेकिन अभी किसान धरना स्थलों पर आम दिनों की तरह ही डंटे रहेंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानून वापस लेने के एलान के बाद संयुक्त किसान मोर्चे की आपात बैठक में तय किया गया कि किसान आंदोलन से जुडी अन्य मांगो को मनवाने के लिए आंदोलन फिलहाल जारी रखा जायेगा।
इससे पहले किसान संयुक्त मोर्चा ने कहा, किसान आज या कल आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। ये आंदोलन तभी खत्म होगा, जब संसद में इसे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी पर गारंटी कानून बनने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।”
उन्होंने कहा कि देश में राजशाही नहीं है, TV पर सिर्फ घोषणा करने से किसान घर वापस नहीं जाएगा, सरकार को किसानों से बात करनी पड़ेगी। राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बने बिना किसान वापस नहीं जायेंगे।
चुनाव के दबाव में लिया गया निर्णय:
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 11 महीने से अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर एक शब्द न बोलने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने अचानक राष्ट्र के नाम अपने संदेश में तीनो कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर सबको आश्चर्यचकित अवश्य कर दिया लेकिन जानकारों की माने तो पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर किसान आंदोलन के प्रभाव को देखते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बना है।
सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी ने अब तक तीन आंतरिक सर्वे हुए और तीनो ही सर्वे में बीजेपी की सीटें कम होने की बात सामने आने के बाद बीजेपी में इस बात को लेकर पिछले कुछ दिनों से मंथन चल रहा था। सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश को लेकर हुए तीसरे आंतरिक सर्वे में बीजेपी को 100 से भी कम सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। इसके बाद पार्टी आलाकमान के सामने यह स्पष्ट हो गया कि किसानो की नाराज़गी चुनावो में भारी पड़ेगी।