बाबरी विध्वंस: कल आएगा फैसला, उमा- आडवाणी- जोशी सहित नामी चेहरे हैं आरोपी

बाबरी विध्वंस: कल आएगा फैसला, उमा- आडवाणी- जोशी सहित नामी चेहरे हैं आरोपी

नई दिल्ली। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में 30 सितंबर को सीबीआई की विशेष अदालत अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय करियार और साध्वी ऋतंबरा सहित कई नामी चेहरे आरोपी हैं।

बाबरी विध्वंस मामले में कुल 49 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. इनमें से 17 का निधन हो चुका है, बाकी 32 आरोपी अभी मौजूद हैं। इनमे से बाबरी विध्वंस के आरोपी लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा व विष्णु हरि डालमिया पर धारा 120 बी यानी आपराधिक साजिश रचने के आरोप में आईपीसी की धारा 120 बी, 147, 149, 153ए, 153बी और 505 (1) के तहत मुकदमा चला।

वहीँ कल्याण सिंह, महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास और डॉ. सतीश प्रधान पर भी आईपीसी की धारा 147, 149, 153ए, 153बी, 295, 295ए व 505 (1) बी के साथ ही धारा 120 बी के तहत मुकदमा चला।

पहली एफआईआर फैजाबाद थाने में राम जन्मभूमि के एसओ प्रियंवदा नाथ शुक्ला जबकि दूसरी एफआईआर एसआई गंगा प्रसाद तिवारी द्वारा दर्ज कराई गई थी। इसके अलावा बाकी 47 एफआईआर अलग-अलग तारीखों पर पत्रकारों-फोटोग्राफरों सहित अन्य लोगों ने दर्ज कराई गई थी।

कानून के जानकारों की माने तो इनमे सबसे बड़ी धारा 120बी है जो साजिश रचने की है। अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस को गिराने के लिए बीजेपी और हिन्दू संगठनों से जुड़े नेताओं एक रणनीति के तहत काम किया था।

जानकारों के मुताबिक बाबरी विध्वंस को अंजाम देने के लिए कारसेवको को 6 दिसंबर 2019 को अयोध्या पहुंचने का आह्वान किया गया था। यहाँ कारसेवको की मौजूदगी में बीजेपी और हिन्दू संगठनों से जुड़े आरोपी नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए थे, जिसके सबूत कोर्ट के पास मौजूद हैं।

कानून के जानकारों के मुताबिक साजिश रचने के आरोप साबित होने की दशा में आरोपियों को कम से कम दो वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष तक की सजा हो सकती है।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital