कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने उठाया लॉकडाउन का मुद्दा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर पैदा हुए हालातो पर विचार विर्मश करने के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये कांग्रेस कार्य समिति की बैठक संपन्न हुई।
इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह, मोतीलाल बोहरा, रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि ‘लॉकडाउन जरूरी हो सकता है, लेकिन जिस तरह से लागू किया गया, वो भी सिर्फ कुछ घंटों की सूचना पर, उसने आम जनता को भारी दिक्कतें पैदा कर दीं।’
उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन का फैसला बिना तैयारी के लिया जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। साथ ही, सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि कोरोना लॉकडाउन से पैदा हुए इस संकट को खत्म करने के लिए सरकार को एक व्यापक रणनीति बनाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि 21 दिनों के लॉकडाउन की कोई तैयारी नहीं होने के कारण गरीबों और मजदूरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सोनिया गांधी ने कहा, ‘आज हम एक बहुत बड़े और घोर संकट से गुजर रहे हैं, यह एक कठिन चुनौती है लेकिन इसे हराने का हमारा संकल्प इससे भी मजबूत होना चाहिए।’
सोनिया गांधी ने कहा कि वह केंद्र सरकार से निवेदन करती हैं कि वो निर्धारित अस्पतालों, बेड की संख्या, क्वारंटीन टेस्टिंग की सुविधाओं और मेडिकल सप्लाई की जानकारी प्रकाशित करके आम जनता तक पहुंचाए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोविड-19 महामारी राजनैतिक सिद्धांतों, धर्म, जाति, उम्र या महिला-पुरुष में अंतर नहीं करती। हम आज जो रास्ता चुनेंगे, वो हमारे परिवार, पड़ोसियों, समाज और देश के भविष्य का निर्णय करेगा। हम इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं, समाज के सभी वर्गों, खासकर गरीबों और सबसे कमजोर वर्गों को किस प्रकार सुरक्षित करते हैं, उससे हमारे आगे आने वाली पीढ़ियों के सामने एक नया रास्ता और उदाहरण स्थापित होगा’।
गौरतलब प्रधानमंत्री मोदी ने 25 मार्च से 14 अप्रैल के लिए देश में 21 दिनों के लॉकडाउन को लागू कर दिया था और आज इसका नौवां दिन है। लॉकडाउन के तहत लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने को कहा गया।
सोनिया गांधी ने कहा कि कोविड-19 महामारी राजनैतिक सिद्धांतों, धर्म, जाति, उम्र या महिला-पुरुष में अंतर नहीं करती। हम आज जो रास्ता चुनेंगे, वो हमारे परिवार, पड़ोसियों, समाज और देश के भविष्य का निर्णय करेगा। हम इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं, समाज के सभी वर्गों, खासकर गरीबों और सबसे कमजोर वर्गों को किस प्रकार सुरक्षित करते हैं, उससे हमारे आगे आने वाली पीढ़ियों के सामने एक नया रास्ता और उदाहरण स्थापित होगा’।