सोनिया के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक: नई रणनीति के साथ पुरानी लय में लौटेगी कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आज दस जनपथ पर बुलाई गई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में पार्टी को पुरानी लय में लाने और एकजुट होकर काम करने का संकल्प जताया गया। पार्टी में नाराज़ चल रहे नेताओं से सभी तरह के मनमुटाव खत्म करने के बाद एकजुट होकर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम करने का प्रण किया गया।
इस बैठक में कपिल सिब्बल को छोड़ वे सभी नेता शामिल हुए जिन्होंने पिछले दिनों पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और इस पत्र के बाद पार्टी के अंदर आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए थे।
बैठक राहुल और प्रियंका के अलावा कमलनाथ, गुलामनबी आज़ाद, मनीष तिवारी, हरीश रावत, आनद शर्मा, पवन बंसल, पी. चिदंबरम, अशोक गहलोत, अंबिका सोनी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
बैठक के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, इसे लेकर यह पहली बैठक थी। शिमला और पंचमढ़ी की तर्ज पर कॉन्क्लेव होगा। उन्होंने कहा, ”हमने पार्टी के भविष्य को लेकर चर्चा की। यह एक रचनात्मक बैठक थी, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की मौजूदा स्थिति और इसे मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।”
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने बताया कि आज की बैठक रणनीतिक बैठक थी। बैठक में पार्टी को मजबूत करने के लिए सकारात्मक चर्चा हुई है। पार्टी को हर स्तर पर मजबूत करने के लिए रणनीति को लेकर बात हुई है।
पार्टी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर पवन बंसल ने कहा कि कोई भी राहुल गांधी का आलोचक नहीं था, हर कोई उनका समर्थन करता था। पार्टी में किसी तरह की फूट नहीं है और पार्टी पूरी तरह एकजुट है।
वहीँ पार्टी सूत्रों की माने तो बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के 23 नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र से पैदा हुए कन्फ्यूजन को लेकर कहा कि हम सभी एक बड़े परिवार की तरह हैं। परिवार के सदस्यों की राय अलग अलग हो सकती है लेकिन कोई भी ज़िम्मेदार सदस्य परिवार को कोई कमजोर नहीं करना चाहेगा।
सूत्रों ने कहा कि सोनिया गांधी ने कहा कि हमे आपस में किसी भी तरह असंतोष नहीं पैदा होने देना है और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना है। हालांकि सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि पार्टी के अंदर की बातें पार्टी फोरम पर उठाना ज़्यादा बेहतर रहता है।