दिल्ली में कांग्रेस की हार पर सिंधिया, जयराम और वीरप्पा मोइली ने उठाये सवाल

दिल्ली में कांग्रेस की हार पर सिंधिया, जयराम और वीरप्पा मोइली ने उठाये सवाल

नई दिल्ली। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की एक बार फिर हुई शर्मनाक हार को लेकर भले ही पराजय की ज़िम्मेदारी लेते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको के इस्तीफे हाईकमान द्वारा स्वीकार कर लिए गए हों लेकिन देश की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी की हार को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता अब सवाल उठा रहे हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में कांग्रेस की बड़ी हार को लेकर कहा कि पार्टी को अपनी विचारधारा बदलने की जरूरत है।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘पार्टी के लिए यह बेहद निराशाजनक है। एक नई विचारधारा और एक नई कार्य प्रक्रिया की तत्काल जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश बदल गया है, इसलिए हमें देश के लोगों के साथ जुड़ने के लिए सोच बदलनी होगी।’

वहीँ दिल्ली में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद टिप्पणी करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी पार्टी में बड़े बदलाव की वकालत की है। जयराम रमेश ने कहा कि हमें खुद को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सत्ता खोने के छह साल बाद भी ‘हम में से कुछ’ ऐसा व्यवहार करते हैं जैंसे ‘हम अभी भी मंत्री हैं।’

जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी को ‘सख्ती से’ अपना पुनरावलोकन करना चाहिए। वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने भी दिल्ली चुनाव में हार के परिप्रेक्ष्य में पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए एक ‘सर्जिकल’ कार्रवाई का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस नेताओं को अपना पुनरावलोकन करना होगा। कांग्रेस को यदि प्रासंगिक होना है तो उसे स्वयं का पुनरावलोकन करना होगा।’

उन्होंने कहा, ‘अन्यथा, हम अप्रासंगिकता की ओर बढ़ रहे हैं। हमें अहंकार छोड़ना होगा, छह साल से सत्ता से दूर होने के बावजूद हममें से कई लोग कई बार ऐसे बर्ताव करते हैं जैसे वे अब भी मंत्री हैं।’

पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे के सवाल पर जयराम रमेश ने कहा कि स्थानीय नेताओं को प्रोत्साहन देना होगा और आगे बढ़ाना होगा। रमेश ने कहा कि स्थानीय नेताओं को स्वतंत्रता और स्वायत्तता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमारे नेतृत्व के स्वभाव और शैली को बदलना होगा।’

कांग्रेस की हार को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने पार्टी में फिर से जान फूंकने के लिए ‘सर्जिकल कार्रवाई’ का आह्वान किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली ने कहा कि कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, क्योंकि उसका ‘वोट बैंक आप की तरफ स्थानांतरित हो गया, क्योंकि उनका मानना था कि केवल वह (अरविंद केजरीवाल) ही भाजपा को पराजित कर सकते हैं।’

मोइली ने कहा कि ‘इस तरह लोग उस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने का कोई मतलब नहीं, अन्यथा इससे भाजपा को फायदा होगा।’ उन्होंने कहा, ‘हम चिंतित हैं. दिल्ली का परिदृश्य यह है कि लोगों (मतदाताओं) ने कांग्रेस को गंभीरता से नहीं लिया।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital